हर्षराज गुप्ता, खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone) जिले के बड़वाह के पास वन क्षेत्र में टाइगर (Tiger) देखा गया है। वन विभाग ने बहुत स्पष्ट और काफी पास से टाइगर को देखने की बात कही। साथ ही उसके फोटो और वीडियो भी कैप्चर किए है। जिसमें वह दोपहर की गर्मी के बीच पानी के छोटे से पोखर में आराम कर रहा है। सतपुड़ा रिजर्व फॉरेस्ट (Satpura Reserve Forest) की टीम वन क्षेत्र में बाघ की तलाश कर रही है। साथ ही बाघ की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए उसके विश्राम स्थल के आसपास कैमरे लगाए गए हैं।

इसके साथ ही ड्रोन से बाघ की ट्रेकिंग की जा रही है। फिलहाल अभी तक विभाग की टीम को बाघ नहीं दिख पाया है। लेकिन बाघ के पगमार्क, उसके द्वारा मारकर खाए जानवर औश्र अन्य कई ऐसे सबूत मिले हैं। जो इस ओर ईशारा कर रहे है कि बाघ को बड़वाह वन क्षेत्र रास आ रहा है। वह पिछले एक माह से इसी क्षेत्र में है। बड़वाह वन क्षेत्र में टाइगर को लेकर केवल सुनने में आया था, लेकिन यह पहला मौका है जब इसे इतनी सुलभता से देखा जा रहा है। अंदाजा है कि यह टाइगर देवास जिले या फिर पुनासा रेंज के जंगलो से होते हुए बड़वाह वनमंडल पहुंचा।

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टाइगर किस वन क्षेत्र का है इसका पता भी सतपुड़ा रिजर्व फॉरेस्ट की टीम लगाने का प्रयास कर रही है। जगह-जगह वन क्षेत्र में उसके आवास के निकट इन्फ्रारेड कैमरे लगाए गए हैं, ताकि टाइगर को पहचाना जा सकें की यह कौन से रिजर्व फारेस्ट का है। वन विभाग के अधिकारी टाइगर के शरीर पर धारियों के पेटर्न के आधार पर टाइगर की पहचान कर सकते है। प्रत्येक बाघ की धारियों का पेटर्न भी अलग होता है। वन विभाग के पास बाघों की जनसंख्या के आधार पर प्रत्येक बाघ के शरीर पर मौजूद धारियों के पेटर्न की जानकारी है।

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