सूर्य कुंभ राशि से निकलकर आज गुरू की राशि मीन में गोचर कर रहा है. ज्योतिष शास्त्र में गुरु की राशि में सूर्य का परिभ्रमण मलमास (खरमास) कहलाता है. सूर्य की राशि में गुरू और गुरू की राशि में सूर्य होने से शुभ कार्य वर्जित माना जाता है. सूर्य का जब-जब गुरु की राशि धनु व मीन में परिभ्रमण होता है अथवा धनु व मीन संक्रांति होती है, वह मलमास कहलाती है. मलमास में मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं. भक्ति, साधना व उत्सव का क्रम जारी रहता है.

चैत्र मास कृष्ण पक्ष अष्टमी बुधवार को 15 मार्च 2023 06:47 पूर्वाह्न से सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करेगा. इसके साथ ही मलमास (खरमास) की शुरूआत हो जाएगी. मलमास (खरमास) 14 अप्रैल 2023 03:12 पूर्वाह्न तक सूर्य का मीन राशि में गोचर रहेगा। मीन राशि में इस 30 दिवसीय गोचरीय अवधि के दौरान सूर्य आपके व्यक्तिगत व व्यावसायिक जीवन में सफलता का समर्थन करता है. यह आत्मकारक ग्रह आपके आंतरिक परिवर्तन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा तथा इस अवधि के दौरान जागरूकता व मूल्यवान आत्म विश्लेषण प्रदान करेगा.

शास्त्रीय मान्यता अनुसार मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, चैलकर्म, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, ग्रह प्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं.

मीन राशि में सूर्य आपकी सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है. आप उपचार या मार्गदर्शन के नए तरीकों पर अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं. जिससे आपको निरंतर स्वास्थ्य समस्याओं से उभरने में सहायता मिल सकती है.