चंडीगढ़। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार बच गई. मंगलवार को कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में वोटिंग के बाद गिर गया. 88 विधायकों वाली वर्तमान हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 विधायकों ने वोट डाले. इसमें 10 जेजेपी, 5 निर्दलीय, 1 हलोपा ने भाजपा को वोट दिया. वहीं 32 वोट अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में पड़े. वोटिंग के बाद विधानसभा के स्पीकर ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया. इस जीत के बाद बीजेपी विधायकों ने सदन में ‘वंदे मातरम’ बोलकर खुशी जाहिर की.

मंगलवार को हरियाणा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. खट्टर ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके यहां संगठन के अंदर भी और बाहर भी, अविश्वास की एक संस्कृति है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पार्टी के अंदर नेताओं में भी एक-दूसरे पर अविश्वास का माहौल है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए खट्टर ने कहा कि कांग्रेस को हर चीज में अविश्वास होने लगता है. पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से इन्हें दिक्कत है. चुनाव की बात आती है तो ईवीएम पर आपको (कांग्रेस को) अविश्वास होने लगता है.

खट्टर ने कहा कि जब हमारे वीर सैनिक सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं तब आप अविश्वास करने लगते हैं. सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर मारा तो सबूत मांगे. हमारे सैनिक गलवान में चीनी सैनिकों को खदेड़ने गए तो कांग्रेस के लोगों को अविश्वास होने लगा. इतना ही नहीं, इन्हें कोविड वैक्सीन पर भी अविश्वास हो गया.

बीजेपी को जजपा और निर्दलीय का समर्थन

साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीट, कांग्रेस को 30, जननायक जनता पार्टी को 10, निर्दलीय को 7 और लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की थी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जजपा के 10 और 5 निर्दलियों विधायक ने समर्थन किया. 90 सदस्यों वाली विधानसभा में दो सीट खाली हैं.