नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वाणिज्य उत्सव 2021 के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार को लेकर सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर करने के साथ-साथ लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने की जरूरत है.

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व्यापार को लेकर सोच बदलने की जरूरत

 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में व्यापार को लेकर लोगों को अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि 75 सालों में देश का एक्सपोर्ट 1.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर 300 बिलियन डॉलर ही पहुंचा है. इसके पीछे हमारी मानसिकता और सिस्टम जिम्मेदार है और एक्सपोर्ट इतना बढ़ा, इसके लिए व्यापारियों को सलाम है. वर्ना सिस्टम की उदासीनता के साथ ये भी संभव नहीं था.

उप मुख्यमंत्री ने व्यापार और एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए 3 मुख्य चीजों पर ध्यान देने की बात कही

 

1. देश के सरकारी सिस्टम का सॉफ्टवेयर खराब है, जिसे बदलने की जरूरत है. ये सिस्टम किसी भी नवाचार को अपनाने की जगह उसे ठुकरा देता है. यही कारण था कि देश के पहले कंप्यूटर को कंप्यूटर के नाम से बिकने में ही 7 साल लग गए. इन 7 सालों तक उसे टाइपराइटर की श्रेणी में रखा गया.

2. स्कूल-कॉलेजों के सिस्टम को बदलना होगा. अभी 15-20 साल की शिक्षा में बच्चों को सिर्फ यही सिखाया जाता है कि पढ़ाई के बाद उन्हें नौकरी करनी है. हमें बच्चों को नौकरी देने वाला बनाना होगा.

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3. कानूनों को सिर्फ ये मानकर बनाया जाएगा कि व्यापारी चोरी कर रहा है, तो बिजनेस के प्रति लोगों में उदासीनता बढ़ेगी. इसे बदलना होगा, वरना केवल एक्सपोर्ट का डेटा बढ़ेगा पर असलियत समान रहेगी.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वाणिज्य उत्सव का ये चिंतन केवल रस्मअदायगी न बनकर रह जाए, बल्कि यहां से आजादी के 75वें साल में देश को आगे बढ़ाने के लिए लर्निंग मिले. ये उत्सव और यहां के विचार सरकारों और विभागों के लिए लर्निंग बने. उन्होंने कहा कि यहां से जो लर्निंग निकलेगी, उसे दिल्ली सरकार अपनाने के लिए तैयार है बशर्ते उससे देश आगे बढ़े.

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दिल्ली देश का दिल: सत्येंद्र जैन

 

इस अवसर पर उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि “दिल्ली देश का दिल है. निर्यात के मामले में दिल्ली ने न केवल दुनिया को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएं दी हैं, बल्कि दुनिया भर में काम करने वाली सबसे कुशल मैन-पावर भी दी है. ज्यादातर बाहर काम करने वाले भारतीय डॉक्टर और इंजीनियर दिल्लीवासी हैं. यह एक राज्य के रूप में दिल्ली की क्षमता के बारे में बहुत कुछ बताता है.

 

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दिल्ली में बहुत क्षमता है. इसका अंदाजा हम इससे लगा सकते हैं कि दिल्ली 10 बिलियन डॉलर का निर्यात कर रहा है. दिल्ली दुनिया का प्रशिक्षित मैन पावर का सबसे बड़ा हब है. अंत में उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार को एक इनेबलर का काम करना चाहिए और अनावश्यक नियम-कानूनों को खत्म करना चाहिए, ताकि व्यापार को बढ़ावा मिले. उन्होंने कहा कि दिल्ली में न तो अवसरों की कमी है और न ही जगह की कमी है. लोग दिल्ली में उद्योग-धंधे स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन न तो डीडीए उन्हें जमीन देती है और न ही काम करने देती है, साथ ही व्यापार को बढ़ाने में सहयोग करने के बजाय उसमें रोड़ा अटकाती है. ये उद्योग-धंधों के विकास में एक बड़ी बाधा है. दिल्ली सरकार राजधानी में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेगी और व्यापार की सुगमता को बनाएगी.”