रायपुर. कोटा (Kota) राजस्थान में फंसे छत्तीसगढ़ के बच्चे काफी मायूस है. वो इसलिए क्योंकि वहां फंसे अन्य राज्यों के बच्चे अपने-अपने घर लौट रहे है.
लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बच्चों को अभी ये पता नहीं है कि वे अपने घर यानी छत्तीसगढ़ कब लौटेंगे. हालांकि प्रदेश सरकार ने सभी जिला स्तर में कलेक्टरों को बच्चों की स्थित और संख्या पर काम करने के निर्देश दे दिए है. लेकिन दूसरे बच्चों को हॉस्टल खाली कर अप घर जाते देख वे भी अब इंतेजार कर रहे है कि कब प्रदेश सरकार उनकी कोई सुध लें और वे भी कब जल्द अपने घर लौटे.
लॉकडाउन (Lock Down) की घोषणा के बाद मेडिकल (नीट) और इंजीनियरिंग प्रवेश (जेईई) परीक्षा की कोचिंग (Coaching) ले रहे करीब 40 हजार से ज्यादा छात्र कोटा में अटक गए थे. लेकिन पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के करीब 18 हजार विद्यार्थी अपने-अपने घर जा चुके हैं. उनमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के करीब 12 हजार 500, मध्य प्रदेश के 2800, गुजरात के 350 और दादरा-नागर हवेली के 50 बच्चे शामिल हैं. इसके अलावा हरियाणा के 1000, असम के 400 और राजस्थान के विभिन्न जिलों के 1500 बच्चे अपने-अपने घरों के लिए शुक्रवार को रवाना हो जाएंगे. इसी तरह शनिवार को हिमाचल प्रदेश के 100, राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 500 बच्चे बसों से और 300 बच्चे अपने निजी साधनों से घर जाएंगे. इसके लिए कोटा कलेक्टर ने अनुमति की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है.
लेकिन अब छत्तीसगढ़ के हजारों बच्चों को इंतेजार है कि वे भी जल्द अपने घर लौट आए.