रायपुर. जीवन में किसी भी प्रकार के अभाव, रोग, कष्ट, दुख, दारिद्रय और शत्रुओं का नाश करने के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए. दुर्गा सप्तशती में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक अत्यंत चमत्कारिक और तीव्र प्रभाव दिखाने वाला स्तोत्र है. जो लोग पूरी दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते वे केवल कुंजिका स्तोत्र का पाठ करेंगे, तो उससे भी संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का फल मिल जाता है.

अगर समय कम है तो आप इसका पाठ कर के भी श्रीदुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ जैसा ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. नाम के अनुरूप यह सिद्ध कुंजिका है. जब किसी प्रश्न का उत्तर नहीं मिल रहा हो, समस्या का समाधान नहीं हो रहा हो, तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

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यह है संपूर्ण मंत्र

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊं ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा.

कैसे करें

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को अत्यंत सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए. प्रतिदिन की पूजा में इसको शामिल कर सकते हैं. लेकिन अगर अनुष्ठान के रूप में या किसी इच्छाप्राप्ति के लिए कर रहे हैं तो आपको कुछ सावधानी रखनी होंगी. संकल्प सिद्ध कुंजिका पढ़ने से पहले हाथ में अक्षत, पुष्प और जल लेकर संकल्प करें. मन ही मन देवी मां को अपनी इच्छा कहें. जितने पाठ एक साथ ( 1, 2, 3, 5. 7. 11) कर सकें, उसका संकल्प करें. अनुष्ठान के दौरान माला समान रखें. कभी एक कभी दो कभी तीन न रखें.

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के अनुष्ठान के दौरान जमीन पर शयन करें. ब्रह्मचर्य का पालन करें. प्रतिदिन अनार का भोग लगाएं. लाल पुष्प देवी भगवती को अर्पित करें. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में दशों महाविद्या, नौ देवियों की आराधना है. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ का समय रात्रि 9 बजे करें तो अत्युत्तम. रात को 9 से 11.30 बजे तक का समय रखें.

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आसन

लाल आसन पर बैठकर पाठ करें.

दीपक

घी का दीपक दायें तरफ और सरसो के तेल का दीपक बाएं तरफ रखें. अर्थात दोनों दीपक जलाएं.

किस इच्छा के लिए कितने पाठ करने हैं

  1. विद्या प्राप्ति के लिए. पांच पाठ ( अक्षत लेकर अपने ऊपर से तीन बार घुमाकर किताबों में रख दें)
  2. यश-कीर्ति के लिए. पांच पाठ ( देवी को चढ़ाया हुआ लाल पुष्प लेकर सेफ आदि में रख लें)
  3. धन प्राप्ति के लिए. 9 पाठ ( सफेद तिल से अग्यारी करें)
  4. मुकदमे से मुक्ति के लिए. सात पाठ ( पाठ के बाद एक नींबू काट दें। दो ही हिस्से हों ध्यान रखें. इनको बाहर अलग-अलग दिशा में फेंक दें.
  5. ऋण मुक्ति के लिए. सात पाठ ( जौं की 21 आहुतियां देते हुए अग्यारी करें. जिसको पैसा देना हो या जिससे लेना हो, उसका बस ध्यान कर लें.
  6. घर की सुख-शांति के लिए. तीन पाठ ( मीठा पान देवी को अर्पण करें)
  7. स्वास्थ्यके लिए. तीन पाठ ( देवी को नींबू चढाएं और फिर उसका प्रयोग कर लें)
  8. शत्रु से रक्षा के लिए. 3, 7 या 11 पाठ ( लगातार पाठ करने से मुक्ति मिलेगी
  9. रोजगार के लिए. 3,5, 7 और 11 ( एच्छिक) ( एक सुपारी देवी को चढाकर अपने पास रख लें)
  10. सर्वबाधा शांति-  तीन पाठ (  लोंग के तीन जोड़े अग्यारी पर चढ़ाएं या देवी जी के आगे तीन जोड़े लोंग के रखकर फिर उठा लें और खाने या चाय में प्रयोग कर लें.

ये इतना चमत्कारी और शक्तिशाली स्त्रोत है कि अगर इसका नियमित रुप से पाठ किया जाये तो सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. अशुभ ग्रहों के प्रभावों से छुटकारा मिलता है. जीवन में धन, सुख, समृद्धि मिलती है.