विश्व में मिलेट्स यानी मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट’ (International Year of Millets 2023) घोषित किया गया है. इस घोषणा के बाद दुनियाभर में मोटे अनाजों की खेती और इसके सेवन पर जोर दिया जा रहा है. मोटे अनाज की लिस्ट में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को शामिल किया गया है. मोटे अनाज में विटामिन, मिनरल्स और फाइबर भरपूर पाया जाता है. यह सभी पोषक तत्व सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.

हालांकि, जब बात मोटे अनाज का सेवन करने की आती है, तो ज्यादातर लोग कंफ्यूज रहते हैं. अगर आप भी मोटे अनाज का सेवन करना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक स्पेशल रेसिपी बताने जा रहे हैं. यह रेसिपी है कुटकी की इडली की. सुबह के नाश्ते और लंच में आप कुटली की इडली ट्राई कर सकते हैं. Read More – गर्मी में पसीने की बदबू से आप भी हैं परेशान, तो ये चीजें दिलाएंगी इस समस्या से छुटकारा …

सामग्री

कुटकी का पाउडर – 300 ग्राम
रागी का आटा – 100 से 150 ग्राम
काले चने का आटा – 100 से 150 ग्राम
दही – डेढ़ कप
करी पत्ते – आवश्यकतानुसार
राई के दाने – 1 चम्मच
हींग – स्वादानुसार
चना दाल – 4 छोटे चम्मच
गाजर – 1 पीस (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
बेकिंग सोडा – 3/4 चम्मच
नमक – स्वादानुसार
तेल या घी – इडली स्टैंड पर कोटिंग करने के लिए

विधि

  1. सबसे पहले एक बड़े बाउल में कुटकी का पाउडर, काले चने का पाउडर, रागी आटा और दही को अच्छे से मिला लें. अब इस मिश्रण में स्वादानुसार नमक और बेकिंग सोडा डालकर 30 से 45 मिनट तक के लिए छोड़ दें.
  2. जब कुटकी का बैटर फूल जाए तो उसमें करी पत्ता, चना दाल, गाजर और राई के दानों को डालकर अच्छे से मिलाएं. अब इडली स्टैंड को लीजिए और इस पर हल्का सा तेल या घी लगा लीजिए. Read More – Sita Navami 2023 : राजा जनक को कलश में मिली थी मां सीता, जानिए क्या है सीता नवमी की कथा, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व …
  3. इसके बाद कुटकी के बैटर को स्टैंड पर डालिए. 10 से 15 मिनट के लिए इडली को स्टीम करें. आपकी कुटकी की हेल्दी और टेस्टी इडली तैयार हो चुकी है. इसे गर्म गर्म सांभर और चटनी के साथ सर्व करें.

कुटकी इडली खाने के फायदे

  1. कुटकी में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो मौसमी बीमारियों से बचाव करने में मदद करते हैं.
  2. कुटकी में हाई फाइबर पाया जाता है. जिसकी वजह से यह वेट लॉस और मोटापा घटाने में मददगार साबित होता है.
  3. कुटकी में एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो संक्रमण, घाव और चकत्ते को तेजी से ठीक करते हैं.
  4. लिवर से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में भी कुटकी काफी फायदेमंद होती है. इसमें पिक्रोलिव जैसे एंजाइम होते हैं, जो लिवर फंक्शन को बेहतर बनाते हैं.
  5. कुटकी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो वायरल इंफेक्शन को ठीक करने में मदद करता है.