रायपुर. इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर अजय देवगन ने जमकर रेड मारा है. फिल्म को दर्शकों का जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है. रायपुर में भी आज सभी सिनेमाघरों में दर्शकों ने ताबड़तोड़ रेड मारा है. इस फिल्म में दमदार एक्टिंग और सस्पेंस का डबल डोज है. फिल्म में नायक के रूप में अजय देवगन और खलनायक के रोल में सौरभ शुक्ल का एक्टिंग खूब पसंद आएगा. यदि आपने यह फिल्म नहीं देखी और देखने का कुछ-कुछ मन बना रहे हैं तो सिनेमाघरों में एक बार आप भी जरुर रेड मार सकते हैं. लल्लूराम डॉट कॉम अब हर हफ्ते आप तक फिल्मों की समीक्षा पहुंचाएगा. बहरहाल ‘रेड’ फिल्म की समीक्षा का आनंद लीजिए और तैयार रहिये लल्लूराम के अगली फिल्म रिव्यू के लिए भी…

काला धन कब और कितना वापस आएगा, इस बात को लेकर लोगो में उनके राजनीतिक पूर्वाग्रह के चलते अपने-अपने मत हो सकते हैं. लेकिन 128 मिनट की इस फिल्म के ख़त्म होते-होते फिल्म के नायक अजय देवगन 420 करोड़ का काला धन एक रेड मारकर सरकारी खजाने में जमा करने में ज़रूर सफल हो जाते हैं. 80 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग के एक कड़क अफसर के नेतृत्व में एक रसूखदार नेता के यहाँ चली 18 घंटे लम्बी रेड की सत्य घटना इस पिक्चर का प्रेरणा स्त्रोत है. कहा जाता है कि उस रेड में इतना नगद बरामद हुआ था कि गिनने के लिए ही 45 लोग लगे थे.

निर्देशक राजकुमार गुप्ता ने व्यंगात्मक तरीके से इस फिल्म में उस राशि को 420 करोड़ बताया है. पिक्चर की खासियत यह है कि बहुत समय नष्ट किये बिना पटकथा, अजय देवगन के किरदार को स्थापित करती है और शुरुआती मिनटों में ही रेड की प्रकिया प्रारंभ हो जाती है. इसके बाद पूरी फिल्म अंत तक यह दर्शाती है कि तमाम राजनीतिक, पारिवारिक और सामाजिक अवरोधों के बावजूद कैसे आयकर विभाग की टीम अपने मिशन को पूरा करती है. अजय देवगन पूरी फिल्म में अपने चिर-परिचित गंभीर अंदाज़ में दिखे हैं. साथ ही सौरभ शुक्ल ने बाहुबली ‘ताऊ जी’ के किरदार में उनके विरोधी का दमदार रोल अदा किया है.

कहानी में नायक की पत्नी के लिए कोई ख़ास स्कोप नहीं था इसलिए नायिका इलियाना डीक्रूज़ को इक्का-दुक्का ही सोलो सीन मिल पाए हैं. पुराने हिट पंजाबी गानों को रिक्रिएट करके संगीत की आवश्यकता पूरी की गई है. राज कुमार गुप्ता के निर्देशन में उनकी पिछली फिल्मों ‘आमिर’ और ‘नो वन किल्ड जेसिका’ वाली धार तो नहीं है पर फिर भी वो दर्शकों को बाँध पाने में सफल होते हैं. आम बॉलीवुडिया मसालों से रिक्त यह फिल्म उन दर्शकों के लिए है जो लीक से हटकर फ़िल्में देखना पसंद करते हैं.

रेटिंग : 6/10
दो टूक : आप भी ये रेड एक बार जरुर मार सकते हैं.

फिल्म समीक्षक : रुपेश दुबे