रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर न्यूज 24 एमपी-सीजी और लल्लूराम डॉट कॉम का ‘छत्तीसगढ़ @25 – कल, आज और कल’ कार्यक्रम हो रहा है. परिवर्तन की राजनीति विषय पर चर्चा के लिए मंच पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा और रविंद्र चौबे मौजूद रहे. इस दौरान सत्र का संचालन राजनीतिक संपादक वैभव शिव पांडेय ने किया.

परिवर्तन की राजनीति विषय की शुरुआत वरिष्ठ कांग्रेस नेता रविंद्र चौबे के साथ हुई. उन्होंने कहा कि बताया कि जब राज्य गठन का प्रस्ताव आया था, तब वे स्वयं विधानसभा में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि जिस अशासकीय संकल्प में सात विधायकों के हस्ताक्षर थे, उनमें गोपाल परमार, सत्यनारायण शर्मा, रविंद्र चौबे, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, जालम सिंह पटेल और बृजमोहन अग्रवाल शामिल थे. उसी से छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी. उन्हें राज्य बनने के बाद सामान्य प्रशासन मंत्री के रूप में विधेयक प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला.
रविंद्र चौबे ने कहा कि राज्य गठन का उद्देश्य यह था कि छत्तीसगढ़ के संसाधनों जैसे लोहा, कोयला, बिजली और लाइमस्टोन का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे. लेकिन आज स्थिति यह है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में यहां बिजली और सीमेंट महंगी हो गई है. उन्होंने कहा कि जिन उद्देश्यों के साथ राज्य बना था, उन्हें पूरी तरह हासिल नहीं किया जा सका है.
उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश के सियासत से छत्तीसगढ़ में सरकारें बनती थी. यह स्वाभाविक और सत्य है. छत्तीसगढ़ बनने के बाद कांग्रेस की सरकार थी, फिर 15 साल रमन सिंह की सरकार थी, फिर कांग्रेस सत्ता पर लौटी और अब पिछले 2 साल से साय सरकार है. बड़े राज्यों में छोटे राज्यों में राजनीतिक रूप से यह अंतर स्वाभाविक है. हरयाणा जैसे राज्यों में हर बार सरकार बदल जाती है. लोगों की अपेक्षाएं पूरी नहीं होती. लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पहले भी मजबूत थी और आज भी है. कांग्रेस कमजोर नहीं है. हालांकि जिसकी जीत हुई है, वह जीत के हकदार थे, इसीलिए उसकी जीत हुई है. लेकिन छत्तीसगढ़ की सियासत में कांग्रेस को न कभी पूर्व में कमजोर आंका जाए और न भविष्य में कमजोर के रूप में देखा जाए.
चर्चा में आगे पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा भी जुड़े. उन्होंने कहा कि एक झूठ को 100 बार कहा जाए तो लोग उसे सच मान लेते हैं. दुष्प्रचार के कारण भी कांग्रेस को डिफेम करने की कोशिश होती रही है. राजस्थान में कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा की सरकार बनती है. जनता की तासीर समझना काफी मुशील काम है. जनता को दिग्भ्रमित कर दें और बहकावे में आ जाए तो उसे पर्तिवर्त्तन नहीं कहा जा सकता.
छत्तीसगढ़ की यात्रा
पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि हर 20 साल में पर्तिवर्त्तन जरूर आता है. जब हमारी सरकार थी, तब मैंने नारा था दिया था. पढ़बो पढ़ाबो अउ स्कूल जाबो, पढ़बो उन बच्चों के लिए था. जो स्कूल नहीं जाते थे. उनको प्रोत्साहित करने के लिए चलाया. पढ़ाबो शिक्षकों को लिए, जो स्कूल जाने के बाद भी पढ़ते नहीं थे. और स्कूल जाबो, स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए था. अंग्रेजी के माध्य से शिक्षका की व्यवस्था हो, दूसरे राज्यों और वैश्विक स्तर पर संवाद बेहतर के लिए इसकी शुरुआत हुई थी. पहले अंग्रेजी माध्यम स्कूल का विरोध हुआ लेकिन अब स्वामी आत्मानंद स्कूल इतनी अच्छी बनी कि साकारात्मक संदेश गया. लेकिन जरूरी यह है कि वह स्तर बरकार रहे. अब परिवर्तन तो हर चीज में होता है.
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बने तीन नए राज्य- उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़, में छत्तीसगढ़ ने सबसे अधिक विकास किया है. उन्होंने कहा, “इन 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास के हर क्षेत्र में नई पहचान बनाई है. गरीबों का पलायन लगभग रुक गया है, और आर्थिक दृष्टि से राज्य अब सक्षम और सम्पन्न है. कृषि क्षेत्र में धान का उत्पादन चार गुना बढ़ा है.
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