रांची, झारखंड। चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अब तक की सबसे बड़ी सज़ा का ऐलान किया गया है. चारा घोटाले के चौथे केस में लालू यादव को कुल 14 साल जेल की सज़ा सुनाई गई है. दरअसल दो धाराओं में लालू को 7-7 साल जेल की सज़ा सुनाई गई है, साथ ही कुल 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. दुमका ट्रेजरी केस में सज़ा का ऐलान किया गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट ने सज़ा सुनाई. अब लालू यादव सज़ा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

बता दें कि दुमका ट्रेजरी केस में 19 मार्च को लालू प्रसाद यादव समेत 19 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था और 12 आरोपी रिहा कर दिए गए थे. पहले मामले में 21 से 23 मार्च को फैसला आना था, लेकिन आज इस पर रांची की सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है. उन्हें दुमका ट्रेजरी से 13.31 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने 7 साल जेल की सज़ा सुनाई है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया था.

चारा घोटाले के कुल 6 केस में से 4 में लालू यादव दोषी करार दिए जा चुके हैं. लालू यादव फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.

दुमका ट्रेजरी केस

दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 13.31 करोड़ रुपए निकाले गए. इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई.

बिहार का सबसे बड़ा चारा घोटाला

जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था. इसके तहत 1990 के दशक में चारा सप्लाई के नाम पर सरकारी ट्रेजरी से ऐसी कंपनियों को फंड जारी हुआ, जो थी ही नहीं. घोटाला के वक्त लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. उनके पास वित्त मंत्रालय भी था. आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखी. 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया.

लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े पहले मामले में साल 2013 में 5 साल की सजा सुनाई गई थी. फिलहाल लालू यादव देवघर ट्रेजरी केस और चाईबासा ट्रेजरी केस में सज़ा काट रहे हैं.

देवघर ट्रेजरी केस- 69 साल के लालू समेत 16 आरोपियों को इस साल 6 जनवरी को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी. लालू पर 10 लाख रु का जुर्माना भी लगाया गया था.
चाईबासा ट्रेजरी केस- 24 जनवरी 2018 को पांच साल की सजा सुनाई गई.

वर्तमान में चारा घोटाले के डोरंडा ट्रेजरी केस में भी सुनवाई चल रही है. चारा घोटाले का छठा केस भागलपुर ट्रेजरी से जुड़ा है. इस केस की सुनवाई पटना की सीबीआई कोर्ट में चल रही है.