मनोज यादव, कोरबा। स्थानीय युवाओं को रोजगार और खेतों में मिट्टी पटान को बंद करने की मांग को लेकर सात गांव के भूस्थापितों ने मानिकपुर खदान में शुक्रवार से कोयला परिवहन बंद करा दिया है. मान-मनौव्वल के लिए पहुंचे एसईसीएल अधिकारियों के साथ भू-विस्थापितों की पहले दौर की वार्ता विफल साबित हुई. इसे भी पढ़ें : वन अधिकार पट्टा देने की घोषणा के साथ वन विभाग की जमीन पर कब्जे की मची होड़, अजजा आयोग को आना पड़ा सामने…

बन्रया, दादर खुर्द, भिलाई खुर्द, बरबसपुर, ढेलवाडीह सहित अन्य गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष शुक्रवार से एसईसीएल साइडिंग में काम बन्द कराकर बैठे हुए हैं. काम बंद होने की सूचना पर एसईसीएल मानिकपुर उप प्रबंधक अजय तिवारी शुक्रवार को मौके पर पहुंचे थे, जहां ग्रामीणों से हुई चर्चा बिना किसी निष्कर्ष के खत्म हो गई थी. भूविस्थापित मांग पूरी नहीं होने तक मौके पर ही डटे रहने की बात कही थी.

ग्रामीणों की माने तो एसईसीएल प्रबंधन गांव के करीब 20 किसानों के खेतों में बिना सूचना दिए मिट्टी फीलिंग करवा रही है. इस बात की जानकारी होने पर ग्रामीण एकजुट हुए और प्रबंधन की खिलाफ खदान के भीतर प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल ने पुराने प्रकरणों का निराकरण अब तक नहीं किया है, ऐसे में नए जमीन को किस आधार पर लिया जा रहा है, यह समझ से परे है.

पढ़ें ताजातरीन खबरें –

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus