पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच हुए जमीन विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सम्बलपुर से आए बंदोबस्त अधिकारियों के सामने मैनपुर तहसील का राजस्व रिकॉर्ड का मिलान किया गया. छत्तीसगढ़ के नक्शे में जो जमीन था वो नजर आ रहा है. नुआपाड़ा के राजस्व अमला सीमांकन की असलियत सामने आते देख हुज्जत पर उतर आए. नुआपाड़ा एसडीएम ने कहा उच्चस्तरीय कमेटी  फैसला करेगी. देवभोग एसडीएम ने कहा रिकॉर्ड सही है किसी भी स्तर पर जांच करा लीजिए. पर छत्तीसगढ़ की जमीन ओडिशा नहीं जाने देंगे.

गुरजा बहल सीमा पर गुरुवार को लंबित नाप के बाद आज सुबह से फिर से नाप शुरु हुआ. नुआपाड़ा प्रशासन ने सम्बलपुर सम्भागीय बंदोबस्त टीम को भी बुलाया हुआ था. इन्ही के साथ छतीसगढ़ के नक्शे की मिलान जमीन से की गई. गुरजाबहाल के किसानों की जमीन की स्थिति स्पष्ट हो गई, इधर सम्बलपुर टीम को नुआपाड़ा राजस्व अमला अपना मेप स्टोन यानी मुनारा तक नहीं दिखा पाई.

जबकि गुरुवार को नुआपाड़ा कलेक्टर ने किसानों का पट्टा देखकर आज के माप के बाद स्थिति साफ कर देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन माप के बाद एसडीएम तारिणी सेन ने कहा कि अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. जोते गए जमीन अभी हाल में हुई माप की स्थिति यथावत रहेगी. उच्च स्तरीय जांच के बाद ही हम आगे का फैसला करेंगे.

देवभोग एसडीएम ने आज घटना की जानकारी कलेक्टर स्याम धावड़े को दिया है. साहू ने कहा कि हमारी जमीन और रिकार्ड में रत्ती भर का फर्क नहीं आया है. हम सभी स्तर की माप के लिए तैयार है. शासन स्तर पर फैसला लेने की अनुशंसा कर प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया गया है.