देश में ऐसी भी ट्रेन है जो सिर्फ तीन सवारी लेकर सफर करा रही है. आपको सुनकर हैरत होगी लेकिन ये सच है रानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि रहे पर्यटक स्थल बिठूर के लिए 17 साल बाद दोबारा शुरू की गई ट्रेन का हाल है. इसने यात्रियों की सर्वाधिक कमी के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक यह ट्रेन देश की सबसे फ्लॉप ट्रेन बन चुकी है.

 तीन कोच की एक ट्रेन में रोज की औसत यात्री संख्या सिर्फ तीन है. सालों तक चली मांग के बाद सवा दो महीने पहले 6 जनवरी को कानपुर सेंट्रल से बिठूर (ब्रह्मावर्त) के लिए ट्रेन चलाई गई थी. तीन डिब्बों वाली मेमू 24 घंटे के दौरान सेंट्रल से दो बार बिठूर और इतनी ही बार वापस आती है. आलम यह है कि कई दिनों तक कानपुर से बिठूर के लिए एक भी टिकट जारी नहीं होता.

पिछले एक सप्ताह की बात करें तो कानपुर और अनवरगंज से केवल छह यात्रियों ने बिठूर तक का सफर किया, जबकि बिठूर से दो लोग ही कानपुर आए. रेलवे के रिकॉर्ड के मुताबिक कानपुर से ब्रह्मावर्त तक रेलवे ट्रैक वर्ष 1880 में बिछाया गया था. 2004 में कानपुर से फर्रुखाबाद रेललाइन के आमान परिवर्तन के बाद बिठूर रेलवे के मानचित्र से कट गया था. तबसे इस फिर से जोड़ने के प्रयास चल रहे थे.

 लोकसभा में सवाल उठा तो इस ट्रैक को आशामिल किया गया. पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंधना से बिठूर रेलमार्ग के आमान परिवर्तन का शिलान्यास फर्रुखाबाद में किया था.

सबसे फ्लॉप ट्रेन को लेकर अब की गई है ये मांग

कुछ दिन पहले तक इस रूट पर ट्रेन चलाने की मांग करने वाली श्री ब्रह्मावर्त बिठूर जनकल्याण समिति अब समय परिवर्तन को कह रही है. पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम को भेजे पत्र में कहा गया है कि कानपुर से यह ट्रेन सुबह और शाम पांच-पांच बजे चले तो यात्री संख्या बढ़ेगी और रेलवे की आमदनी में भी वृद्धि होगी.

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