नई दिल्ली. असमी लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए दर्ज कई प्राथमिकियों के संबंध में गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध करने वाली बंगाल के एक राजनीतिक टिप्पणीकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा, ‘नेताओं को मोटी चमड़ी वाला (अर्थात लोगों की टिप्पणी से अप्रभावित रहने वाला) होना चाहिए.’

राजनीतिक टिप्पणीकार पर असमिया लोगों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है. न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने पश्चिम बंगाल के एक राजनीतिक टिप्पणीकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नेताओं को ‘मोटी चमड़ी वाला’ होना चाहिए. आजकल पत्रों और साक्षात्कारों के संबंध में हम न्यायाधीशों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. अगर हम उनकी बात सुनने लगेंगे, तो काम ही नहीं कर पाएंगे. राजनीतिक टिप्पणीकार गर्ग चटर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल और अधिवक्ता आशुतोष दुबे ने पीठ को बताया कि उन्होंने 2020 में ट्विटर पर कुछ टिप्पणियां की थीं.