![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2024/11/lalluram-add-Carve-ok.jpg)
नई दिल्ली . दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने आपराधिक मामलों में जांच की गुणवत्ता और उनके अभियोजन को सुनिश्चित करने के लिए आप सरकार द्वारा गठित स्थायी समिति को भंग कर दिया है. उप राज्यपाल ने समिति के गठन को 2014 के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन बताया है.
![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2023/11/9-9-1024x576.jpg)
राजनिवास के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि स्थायी समिति को भंग करने के साथ ही उप राज्यपाल ने इसके पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है. पुनर्गठन के बाद एक अतिरिक्त मुख्य सचिव-प्रधान सचिव (गृह) अध्यक्ष और प्रधान सचिव (विधि), निदेशक (अभियोजन) और पुलिस आयुक्त सदस्य होंगे. राजनिवास के अधिकारी ने बताया कि उप राज्यपाल ने कहा है कि मौजूदा समिति को जारी रखने का कोई कारण या औचित्य नहीं है. उनके पूर्ववर्ती उप राज्यपाल ने भी इस पर आपत्ति जताई थी. एलजी सचिवालय द्वारा बाद में अलग-अलग स्मरण पत्र जारी किए गए थे.
मौजूदा समिति का कोई औचित्य नहीं
सरकार की समिति को भंग करते हुए सक्सेना ने कहा है कि मौजूदा समिति को जारी रखने का कोई कारण या औचित्य नहीं है और यहां तक कि उनके पूर्ववर्ती ने भी इस समिति पर बार-बार इस पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा कि 11 मई, 2017 को अपने नोट में उनके पूर्ववर्ती अनिल बैजल ने समिति के गठन की समीक्षा करके इसे शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप बनाने का निर्देश दिया था और एलजी सचिवालय द्वारा इस बारे में 19 फरवरी 2018, 22 जून 2018, 18 अक्टूबर 2018 और 31 मई 2019 को इस बारे में अनुस्मारक भी जारी किए गए थे.मगर फिर भी समिति के पुनर्गठन के लिए कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया था.
स्थायी समिति गठित करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में हर राज्य के गृह विभाग को पुलिस और अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक स्थायी समिति गठित करने का निर्देश दिया था, जिसमें उन्हें बरी करने के सभी आदेशों की जांच करने और प्रत्येक मामले में अभियोजन की विफलता के कारणों को दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई थी. एलजी द्वारा यह नोट किया गया था कि मौजूदा समिति का नेतृत्व स्थायी वकील (आपराधिक) द्वारा किया जाता है और अतिरिक्त स्थायी वकील सदस्य के रूप में होते हैं, जो अभियोजन का हिस्सा होते हैं और उन्हें अदालत के समक्ष मामलों की प्रस्तुति का काम सौंपा जाता है.