रोहित कश्यप,मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के करील कुंडा गांव इस दिवाली जगमगा उठा है. अब इस गांव के बच्चे भी उजाले में पढ़ पाएंगे. अब यहां के लोग भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपभोग कर सकेंगे. यहां रहने वाले लोगों के यहां न सिर्फ मेहमान बल्कि, अब लड़कों के लिए वैवाहिक रिश्ता भी आएगा. क्योंकि इस दिवाली इस गांव में बिजली आ गई है. अब हमेशा के लिए अंधेरों को दूर कर प्रकाशमान रहेगा.

ऐसे दूर हुई बिजली की समस्या

जी हां मुंगेली जिले के मैदानी इलाके के करील कुंडा गांव के लोग अब अंधेरे में रहने को मजबूर नही होंगे, क्योंकि आजादी के 7 दशक बाद भी यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर थे. कहने के लिए तो गांव में विद्युत कनेक्शन किया गया है, लेकिन 20 साल तक यहां विभाग के द्वारा ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया था. जिसके चलते पड़ोसी गांव के ट्रांसफार्मर के भरोसे इस गांव में विद्युत सप्लाई हो रही थी. जिसकी रोशनी चिमनी से भी कम थी. लोकसभा से लेकर विधानसभा के चुनावों के दौरान कईयों नेताओं का आगमन हुआ. कइयों ने आश्वासन भी दिया यहां की समस्या दूर करने की, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं.

शादी के लिए बेटी देने से कतराते थे लोग

गांव वाले बताते हैं कि लो वोल्टेज की समस्या यहां इस कदर थी कि विद्युत प्रवाहित तार को छूने पर करन्ट का एहसास नहीं होता था. जिसके चलते गांव वाले आधुनिक डिजिटल युग में बिजली संकट से जूझ रहे थे, वो भी उस राज्य में जहां दूसरे प्रदेशों में बिजली बेची जाती है. आलम ये था कि यहां इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सो-पीस बनकर रह गया था, तो वही लो वोल्टेज की वजह से स्कूली बच्चे रात के अंधेरे में चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर थे. गांव वाले तो यहां तक बताते है बिजली संकट वाले इस गांव में विवाह के लिए दूसरे गांव के लोग बेटी देना भी पसंद नही करते थे. हद की बात तो ये थी कि लोग इस गांव में मेहमान बनकर जाने से भी कतराते थे.

बीजेपी नेत्री के प्रयास से हुआ संभव

इस दिवाली से लोग अब इस अंधेरे से निजात पाकर हमेशा के लिए उजाले में प्रवेश कर रहे हैं. क्योंकि अब यहां विद्युत विभाग के द्वारा ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है, जो कि जिले के बीजेपी नेत्री और जिला पंचायत सदस्य शीलु साहू के प्रयास से संभव हुआ है. ये बात हम नहीं बल्कि खुद ही गांव वाले कहते फिर रहे हैं. पिछले महीने उनके आगमन के दौरान गांव वालों ने उनके समक्ष समस्या रखी और उन्होंने आश्वासन देने के बजाय काम करने के बाद गांव वालों को बताया. वही बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता आर के चौहान का कहना है कि इस प्रकिया के लिए मुंगेली जिला कार्यालय से लेकर संभागीय व विभागीय सचिवालय से प्रॉसेज पूरा होने के बाद ट्रांसफर की स्वीकृति मिली है. जिसे गांव में लगा दिया गया है.

ये है खास दिवाली मनाने की वजह

वैसे तो ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य कोई बहुत बड़ा काम नहीं है, लेकिन गांव वालों मांग करते करते 20 साल से थक गए थे. नेताओं के आश्वासन सुन सुनकर मायूस हो चुके थे. ऐसे समय में किसी जनप्रतिनिधि का उनके मांग पर खरा उतरना, उत्साह को दोगुना कर गया. यही वजह है अब गांव वाले भी बोल रहे है कि राज्य बनने के बाद पहली बार वे लोग उजाले में असली दिवाली मना रहे है.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus