शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मानव अधिकार आयोग सदस्य प्रियंक कानूनगो ने भोपाल के आर्य समाज मंदिर के पास शराब दुकान खुलने पर नोटिस दिया। लेकिन इसके जवाब में उन्हें जो जवाब मिला वह बेहद चौंकाने वाला था। जिसके बाद उन्होंने इसे सरकारी बाबुओं की बेशर्मी बता दिया। मामला अरेरा का है।

प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा, ‘महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुओं में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने व हिंदुओं के अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। तथा जातिभेद के बगैर सभी हिंदुओं के वैदिक संस्कार आयोजित किए जाने हेतु देश भर में आर्य समाज मंदिरों की स्थापना की थी’

उन्होंने आगे लिखा, ‘भोपाल में अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में आर्य समाज मंदिर के समीप एक शराब दुकान संचालित किए जाने की शिकायत पर मैंने जांच हेतु नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में सरकारी बाबुओं ने पूरी बेशर्मी के साथ लिखा है कि उनके नियम के अनुसार आर्य  समाज मंदिर को मंदिर नहीं माना जा सकता है इसलिए शराब दुकान यथावत रहेगी। कदाचित यह सरकारी बाबू ही वो पतित हिंदू हैं जो हिंदुओं की दुर्दशा के लिए उत्तरदायी हैं। हिंदुओं को अब आर्य  समाज मंदिर को सरकारी मान्यता दिलवाने के लिए कार्य करना होगा?’

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