सत्यपाल राजपूत, रायपुर। प्रदेश के दो हजार से अधिक अतिथि व्याख्याताओं की सेवा समाप्ति कर दी गई है. इससे महाविद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो गई है. जबकि अधिकतर महाविद्यालय पहले से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में समय पर कोर्स पूरा करना संभव नहीं होगा.

जानकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा 20200-21 अंतिम चरण में है, तथा शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं द्वारा अध्यापन नैक प्रत्यायन, परीक्षा कार्य, मूल्यांकन आदि संपन्न कराया जा रहा था लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का हवाला देते हुए यूजी-पीजी अतिथि व्याख्याताओं को 31 जुलाई को कार्यमुक्त कर दिया है.

महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं को सेवा समाप्ति से पीजी कक्षाओं की पढ़ाई पूरी तरह बंद हो गई है. नैक, परीक्षा, मूल्यांकन कार्य एवं अन्य महाविद्यालयीन कार्य भी स्टाफ की कमी से प्रभावित हो रहे हैं.

एक ओर तो उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा अध्ययन के लिए ऑफलाईन पढ़ाई शुरू कराने की बात की जा रही है. प्रदेश भर में स्कूल-कॉलेज खोले जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सुचारू रूप से संचालित पीजी की सेमेस्टर कक्षाओं को बंद कर दिया गया है

अतिथि व्याख्याताओं का कहना है कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण सत्र 5 महीनें पीछे चल रहा है. पीजी कक्षाओं की पढ़ाई पटरी पर लाने के लिए अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति किया जाना आवश्यक है,  अन्यथा विद्यार्थियों का‌‌ पढ़ाई प्रभावित होगा और समय रहते परीक्षा संपन्न करा पाना संभव नहीं होगा. ऐसे में सत्र विलंब होने से‌ उसका परिणाम विद्यार्थियों‌ को भुगतना पड़ेगा.

अतिथि व्याख्याता संघ के राज्य समन्वयक भानु आहिरे का कहना है कि पीजी कॉलेजों में कार्यरत लगभग 2500 अतिथि व्याख्याताओं को 31 जुलाई को कार्यमुक्त कर दिया गया है, जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है. ऐसे में छात्रहित को ध्यान में रखते हुए न्यायोचित निर्णय लिया जाना आवश्यक है., अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए, ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से निरंतर चल सके.

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