सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजधानी के महादेव घाट एनीकट मौत का अड्डा बना गया है. एनीकट के निर्माण कार्य में त्रुटि के कारण अब तक मनुष्य सहित 100 जीव की जान जा चुकी है. गलत निर्माण कार्य के सामने गोताखोर भी नतमस्तक हो गए. लोगों को बचाते हुए दो गोताखोरों की भी मौत हो चुकी है. वहीं घटना के 4 से 5 दिन तक लाश नहीं मिलती है. साल 2013 से शिकायत की जा रही है लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

युवा मंचा समन्यव मंच ने बताया कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव विभागीय मंत्री स्थानीय विधायक सभी को ज्ञापन सौंप चुके है. अब युवा समन्वय मंच बैनर तले फिर से आंदोलन जारी है. सात दिवसीय आंदोलन पर बैठे है.

युवा समन्वय मंच के संस्थापक पूरन सिंह ने बताया कि यह लड़ाई 2013 से जारी है. मुख्यमंत्री उसे लेकर विभागीय मंत्री विभागीय संचालक विभागीय सचिव सभी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है, इसलिए अपनी मांगों को लेकर आज बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 7 दिवसीय आंदोलन कर रहे हैं, हमारी मांग है कि महादेव घाट रायपुर जन मृत्यु कारक एनीकट पर न्यायिक जांच एवं सुधार किया जाए.

साथ ही बताया कि एनीकट बहुत ही भयावह है, जिससे लोगों की मौत हो रही है. एनीटक में बचाव के सारे सुरक्षा मापदंड खेल है. वहां दो बार बचाव दल के साथ भी दुर्घटना हो चुकी है. लोगों को बचाते हुए दो गोताखोरों की मौत हो चुकी है. इस एनीकट पर अब तक सौ से ऊपर जीव मानव दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं और उनकी मौत हो गई है. दुर्घटना के बाद पुलिस के द्वारा वहां पर रिपोर्ट शून्य में लिखी जाती है, जिससे मौत शून्य होता है.

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