डिलेश्वर देवांगन, बालोद। शिक्षक, शिक्षा और विद्यार्थी का तालमेल किसी की जिंदगी जमीन से आसमान तक पहुंचा देती है. लेकिन गरीबी इस तालमेल के बीच रोड़ा बनकर सामने आती है. ऐसे में चिटौद गांव के एक शासकीय स्कूल के शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा ने अपने काम से हर किसी को प्रभावित किया है. जिला से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं तो वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं.

शिक्षक ईश्वरी का जज्बा और जुनून देख बच्चे भी अपने आप को इनके घर की पाठशाला पर दस्तक देने से रोक नहीं पाते. स्कूली शिक्षा के अलावा, खेल-खेल में मनोरंजन के साथ अंकगणितीय, जिंदगी जीने की कला, बातचीत करने का लहजा, कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी, संस्कार भी यह नन्हीं जान में भरते हैं.

शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा लगातार 12 सालों से बच्चों में ज्ञान बांटने का काम कर रहे हैं. शिक्षक ईश्वरी कुमार का मानना है कि संपन्न घर के बच्चे प्राइवेट व बड़े स्कूलों में जाकर अच्छी शिक्षा ग्रहण कर लेते हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे गरीबी के कारण शासकीय स्कूलों में ही पढ़ाई करते हैं. उनका भी बचपना गरीबी से ही गुजरा है, जिसको ध्यान में रखकर अपने वेतन का लगभग 7 लाख रुपए ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उबारने में लगा दिए हैं.

शासन-प्रशासन के भरोसे न रहकर अपने खर्च से स्कूल को संवार कर आधुनिक तकनीक को शामिल किया. वहीं ग्रामीण क्षेत्र के गरीब बच्चों को विश्व स्तर के पैमाने पर खड़ा करने अहम हिस्सेदारी भी शिक्षक ईश्वरी निभा रहे हैं.

Read more – Over 50 Crore Infected Samples Tested; 4 States Report Zero Fatalities