बीडी शर्मा, दमोह. लोकसभा चुनाव 2024 : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है और इसकी शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने कई कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों ने भी इस चुनावी महायुद्ध की तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. आज इस स्टोरी में दमोह के दंगल में किसका होगा मंगल ? इसका विश्लेषण बताएंगे. मध्य प्रदेश के 07 दमोह लोकसभा सीट से बीजेपी ने राहुल सिंह लोधी को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस के साथ ही अन्य पार्टियों ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. कांग्रेसियों द्वारा कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली लिस्ट का इंतजार किया जा रहा है. जिससे साफ हो जाएगा कि बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह का कांग्रेस के किस नेता से मुकाबला होगा.
भाजपा ने राहुल सिंह लोधी को बनाया प्रत्याशी
बीजेपी ने दमोह लोकसभा सीट से राहुल सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. राहुल सिंह 2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 55 दमोह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. 2020 में मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरने के कुछ महीनों बाद राहुल सिंह लोधी ने विधायक पद से स्तीफा देकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री दर्जा का मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एन्ड लॉजिस्टिक कारपोरेशन का अध्यक्ष बनाया. साथ ही दमोह विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में अपना प्रत्याशी भी बनाया, लेकिन उपचुनाव में भाजपा की अंतर्कलह के चलते राहुल लोधी कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन से चुनाव हार गए थे. भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों में राहुल सिंह पर विश्वास जताते हुए अब दमोह लोकसभा क्षेत्र से राहुल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है.
दमोह लोकसभा के लिए कांग्रेस में कई दावेदार
पूरे देश में जहां दिग्गज कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं. वहीं दमोह लोकसभा सीट से कांग्रेस में टिकट के लिए दावेदारों की होड़ लगी हुई है. वरिष्ठ नेताओं के साथ युवा नेता भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं और भाजपा से दो दो हाथ करने को तैयार हैं. वरिष्ठ नेताओं में जहां रतनचंद जैन जीवन पटेल, प्रताप सिंह लोधी, अजय टंडन, डॉ जया ठाकुर, मानक पटेल, परम यादव शामिल हैं तो वहीं युवाओं में राजकिशोर राशू चौहान, अभिषेक डिमहा जैसे नेता भी कमर कसकर लड़ने को तैयार हैं.
संसदीय क्षेत्र की प्रसिद्ध और पहचान
मध्यप्रदेश के दमोह संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी पहचान यहां स्थित बुंदेलखंड का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बांदकपुर में स्थित भगवान जागेश्वर नाथ का मंदिर और जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर है. पर्यटन के लिए यहां नौरदेही अभ्यारण के साथ ही कई किले और प्राचीन मंदिर स्थित हैं.
संसदीय क्षेत्र की मुख्य समस्या
दमोह लोकसभा क्षेत्र मध्यप्रदेश का सबसे पिछड़े इलाकों में जाना जाता है. यहां रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध ना होने के कारण यहां बेरोजगारी और पलायन की समस्या सबसे ज्यादा है. यह लोकसभा क्षेत्र पलायन के लिए पहचाने जाने वाले इस अंचल को लेकर यहां के राजनेता कई बार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र रहे हैं.
दमोह लोकसभा ने दिया केंद्रीय मंत्री
दमोह से 2 बार सांसद बनने वाले प्रहलाद सिंह पटेल केंद्र सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें नरसिहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में टिकट दिया. जहां से वे विधायक बनकर मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए ग.ए जिससे उन्हें दमोह सांसद पद से लोकसभा चुनाव 2024 के कुछ महीनों पहले त्याग पत्र देना पड़ा.
कांग्रेस का शुरुआती दौर में रहा दबदबा
दमोह संसदीय सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस का दबदबा रहा जिससे पहले 6 चुनाव में 5 बार कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे और 1977 में सिर्फ एक बार जनता पार्टी के प्रत्याशी ही कांग्रेस को हराने में सफल हुए.
भाजपा ने लगातार 9 बार जीतकर बनाया अभेद किला
भाजपा दमोह लोकसभा सीट पर पहली बार वर्ष 1989 में जीत हासिल करने के साथ ही हर बार दमोह सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करती गई और लगातार 9 बार जीतकर अपना अभेद गढ़ बना चुकी है. जो तोड़ना कांग्रेस के लिए एक कड़ी चुनौती बन गई है.
दमोह लोकसभा क्षेत्र का जातिगत समीकरण
दमोह लोकसभा क्षेत्र लोधी और कुर्मी पटेल मतदाता बाहुल्य क्षेत्र है. लोधी, कुर्मी मतदाताओं की युति ने इस सीट को भाजपा के अभेद्य किले के रूप में तब्दील कर दिया. यही कारण है कि साल 1989 के चुनाव में भाजपा के लोकेंद्र सिंह फिर लगातार चार बार 1991, 1996, 1998, 1999 में कुर्मी पटेल समाज से आने वाले भाजपा के रामकृष्ण कुसमरिया और उसके बाद 2004 से लेकर 2019 अब तक लगातार लोधी समाज से आने वाले भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के द्वारा जारी सूची में फिर से लोधी समाज से आने वाले राहुल सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. हालांकि कांग्रेस ने भी समय समय पर लोधी, कुर्मी प्रत्याशी को मैदान में उतारा है, पर वो ज्यादा प्रभावशाली नहीं हो सके. जिससे कांग्रेस लगातार 9 बार जीत से दूर रही.
दमोह संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 विधानसभा क्षेत्र
दमोह जिले की 4 विधानसभा क्षेत्र – दमोह, पथरिया, हटा, नोहटा
छतरपुर जिले की 1 विधानसभा क्षेत्र – बड़ा मलहरा
सागर जिले की 3 विधानसभा क्षेत्र – गढ़ाकोटा, देवरी, बंडा
दमोह लोकसभा क्षेत्र में मतदाता
कुल मतदाता – 1909886
पुरुष मतदाता – 1000952
महिला मतदाता – 908902
थर्ड जेंडर मतदाता – 32
दमोह लोकसभा का इन नेताओं ने किया प्रतिनिधित्व
- 1962: सहोद्रा बाई राय, कांग्रेस
- 1967: मणि जे भाई पटेल, कांग्रेस
- 1971: वराह गिरी शंकर गिरी,कांग्रेस
- 1977: नरेंद्र सिंह यादवेंद्र सिंह, जनता पार्टी
- 1980: प्रभु नारायण टंडन, कांग्रेस
- 1984: डालचंद जैन, कांग्रेस
- 1989: लोकेंद्र सिंह, भाजपा
- 1991: रामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा
- 1996: रामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा
- 1998: रामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा
- 1999: रामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा
- 2004: चंद्रभान सिंह, भाजपा
- 2009: शिवराज सिंह चौहान, भाजपा
- 2014: प्रहलाद सिंह पटेल, भाजपा
- 2019: प्रहलाद सिंह पटेल, भाजपा
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