एस आर रघुवंशी, गुना। लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस चुनाव को लेकर सभी प्रत्याशियों के अलावा बीजेपी और कांग्रेस ने इस महायुद्ध की तैयारियां शुरू कर दी है। गुना लोकसभा सीट की बात करें तो यहां शुरुआत से ही सिंधिया परिवार का वर्चस्व रहा है। 2001 में माधवराव सिंधिया  के निधन के बाद उपचुनाव में  ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार कांग्रेस से गुना लोकसभा से जीते थे। इसके बाद 2019 में बीजेपी के केपी यादव ने सिंधिया को हराया था। इसके बाद 2020 में कांग्रेस को छोड़कर सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।

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बीजेपी ने इस सीट से पूर्व  में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव हार चुके मौजूदा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने पहली  बार लोकसभा का टिकट दिया है इससे पहले 2019  तक कांग्रेस से गुना लोकसभा से लड़ते आए हैं । कांग्रेस की पहली लिस्ट का इंतजार किया जा रहा है जिससे साफ हो जाएगा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के किस दिग्गज के साथ होगा। इससे पहले हम आपको इस सीट का इतिहास बताने जा रहे हैं कि यह गढ़ 2019 तक कांग्रेस की सीट मानी जाती थी 2019 में बीजेपी से केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया हराकर बीजेपी का परचम लहराया था । वैसे विधानसभा की बात करे तो गुना विधानसभा को बीजेपी का गड़ माना जाता है।

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गुना की पहचान

 गुना संसदीय छेत्र की सबसे बड़ी पहचान यहां गुना के पास बजरंगगढ़ नामक ऐतिहासिक स्थान है। यहां प्राचीन किला है। किले में भगवान श्री राम जानकी एवं श्री हनुमान जी के ऐतिहासिक प्रसिद्ध मंदिर है जो सभी की आस्था के केंद्र हैं। यहां महावीर भगवान की प्राचीन मूर्ति है। स्वतंत्रता से पहले गुना ग्वालियर राजघराने का हिस्सा था।

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गुना जिले में देश की नवरत्न कंपनियां और शिक्षा

 गुना के राधौगढ़ विधानसभा में गैल इंडिया लिमिटेड और देश की नवरत्न कंपनियों में से एक एनएफएल नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड जैसे 2 बड़ी उद्योग इकाइयां हैं जिनके द्वारा कई राज्यों में व्यापार किया जाता है। इसके अलावा राधौगढ़ में जेपी इंजीनियरिंग कॉलेज है जिनमे कई राज्यों से छात्र – छात्राएं पढ़ाई के लिए आते हैं। इन से भी गुना को प्रदेश में एक बड़ी पहचान मिली  है। वहीं गुना जिले की राधौगढ़ विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का घर भी है। इस वजह से भी गुना को एक बड़ी पहचान मिली है ।

गुना के रहने वाले रामनाथ कोविंद रहे भारत के राष्ट्रपति

गुना के रहने वाले रामनाथ कोविंद 2 बार उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सांसद और 2015 से 2017 तक बिहार के 26 वें राज्यपाल रहे। इसके बाद 2017 से 2022 तक भारत के राष्ट्रपति रहे।

गुना लोकसभा पर सिंधिया परिवार का रहा दबदबा

गुना संसदीय सीट पर सिंधिया परिवार का काफी लंबे समय तक दबदबा रहा है। चाहे बात करें विजया राजे सिंधिया की, माधव राव सिंधिया की या ज्योतिरादित्य सिंधिया की। तीनों कई बार अलग अलग पार्टी से गुना से चुने गए और काफी लंबे समय तक गुना पर दबदबा बनाया। 2019 में सिंधिया परिवार को मोदी लहर में शिकस्त मिली थी।

साल 2019 के चुनाव के नतीजे

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी के केपी यादव ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 6,14,049 वोट मिले थे। दूसरी ओर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया को 4,88,500 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर 37,530 वोटों के साथ बीएसपी के लोकेंद्र सिंह राजपूत तीसरे नंबर पर रहे थे।

जातीय समीकरण

जातिगत समीकरण के मुताबिक यहां अनुसूचित जनजाति की तादाद सबसे ज्यादा 2 लाख 30 हजार से ज्यादा है। अनुसूचित जाति 1 लाख से ज्यादा, कुशवाहा- 60 हजार, रघुवंशी- 32 हजार, यादव-73 हजार, ब्राह्मण-80 हजार, मुस्लिम- 20 हजार और वैश्य जैन-20 हजार है।

 2019 चुनाव के हिसाब से गुना लोकसभा के मतदाता

कुल मतदाता-11,78,423  पुरुष मतदाता -7,86,519
 महिला -8,89,161 थर्ड जेंडर -44

गुना लोकसभा में आने वाली विधानसभा सीटें

मध्य प्रदेश के गुना अशोकनगर शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में शिवपुरी,पिछोर ,कोलारस,बमोरी,गुना,अशोकनगर,चंदेरी और  मुंगावली विधानसभा आती है ।

इन नेताओं ने किया प्रतिनिधित्व साल सांसद पार्टी

1952 बीजी देश पांडे ,हिंदू महासभा
1957 विजया राजे सिंधिया ,बीजेपी
1962 रामसहाय पांडे ,बीजेपी
1967 विजया राजे सिंधिया , स्वतंत्र पार्टी
1967 जेबी कृपलानी, स्वतंत्र पार्टी
1971 माधव राव सिंधिया ,भारतीय जनसंघ
1977 माधव राव सिंधिया, स्वतंत्र
1980 माधव राव सिंधिया, कांग्रेस
1984 महेंद्र सिंह, कांग्रेस
1989 विजयाराजे सिंधिया, भाजपा
1991 विजयाराजे सिंधिया, भाजपा
1996 विजयाराजे सिंधिया, भाजपा
1998 विजया राजे सिंधिया, भाजपा
1999 माधव राव सिंधिया ,कांग्रेस
2002 ज्योतिरादित्य सिंधिया,कांग्रेस
2004 ज्योतिरादित्य सिंधिया,कांग्रेस
2009 ज्योतिरादित्य सिंधिया,कांग्रेस
2014 ज्योतिरादित्य सिंधिया,कांग्रेस
2019 केपी यादव,बीजेपी

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