शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में अब मतगणना को सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कार्यकर्ताओं को एक पत्र लिखा है। पत्र में पटवारी ने लिखा कि वोटिंग के 10-11 दिनों के बाद मतदान प्रतिशत 6 से लेकर 10 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ घोषित किया गया है। जिसके कारण लगभग 1 करोड़ से भी अधिक मतों की संख्या बढ़ी हुई घोषित हुई है। जिससे साफ है कि कहीं न कहीं मतदान के बाद मतों की संख्या में जरूर कुछ न कुछ अनियमितताएं प्रतीत हो रही है। 

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी वोटिंग के दो चरणों के बाद निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाया था। तब उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान प्रतिशत जारी करने में चुनाव आयोग को 11 दिन का समय लगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान प्रतिशत भी 4 दिन की देरी के बाद जारी किया गया है। मैंने अपने 45 साल के राजनीतिक जीवन में ऐसा पहली बार देखा है जब चुनाव होने के 11 दिन के बाद अचानक से मतदान प्रतिशत का नया आंकड़ा जनता के बीच आया हो। हैरानी की बात यह भी है मतदान के दूसरे दिन अखबारों के माध्यम से जो मत प्रतिशत सामने आया था। अब उसमें 11 दिन बाद 3% तक की बढ़ोतरी के साथ आंकड़े जारी किए गए है।

जीतू पटवारी के पत्र से न सिर्फ कांग्रेस एक्टिव मोड पर आ गई है बल्कि सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। मामले पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में सिर्फ बीजेपी को छोड़ 24 राजनीतिक दलों ने ईवीएम का विरोध किया। ईवीएम ईजाद करने वाला देश भी इसका उपयोग नहीं करता। 11 दिन बाद कैसे मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है इसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए। कांग्रेस ने इन 1 करोड़ से अधिक वोटों को गणना में शामिल न करने की मांग भी की है। 

कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कांग्रेस के शक का इलाज किसी भी हकीम के पास नहीं है। जब-जब चुनाव हारते हैं तब-तब लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल खड़े करते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता ही नहीं खुलेगा। लिहाजा कांग्रेस जबरन बयानबाजी कर हार की जमीन तैयार कर रही है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H