कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल को इतिहास के झरोखों में बगावती तेवर के लिए जाना जाता है और ऐसे में जब चुनावी बिगुल बज गया हो तो फिर बगावत की अदावत और ज्यादा बढ़ जाती है, पढ़िए लल्लूराम डॉट कॉम की खास रिपोर्ट…

लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले ही ग्वालियर चंबल-अंचल की चारों लोकसभा सीट पर BJP ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। लेकिन इसी ऐलान के पीछे बगावती धुंए की आंच की आशंकाओं को बुझाने मध्य प्रदेश के CM खुद एक्टिव हो गए हैं. अंचल को चारों सीट पर गुटबाज़ी रोकने, रूठे नेताओं को मनाने के लिए CM डॉ मोहन यादव ने खुद मोर्चा संभाल लिया है.

2019 लोलसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल की चारों लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार भी चारों सीट पर जीत हासिल करने पार्टी ने अपना थोड़ा सा प्लान बदला है. इस बार बीजेपी ने गुना और ग्वालियर सीट पर अपने उम्मीदवार बदले हैं, जबकि मुरैना सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा में जाने के चलते नए चेहरे को मैदान में उतारा है. जबकि भिंड से संध्या राय को ही रिपीट किया गया है.

आइए समझते हैं कि कि आखिर क्या वजह है कि BJP के 100% जीत हासिल करने वाले प्लान के बीच गुटवाजी और भीतरघात की आशंकाओं ने जन्म लिया है.

ग्वालियर लोकसभा सीट

ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा ने वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर का टिकट काटकर 2023 में विधानसभा चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को उम्मीदवार बनाया है. भारत सिंह कुशवाह विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी हैं. ऐसे में टिकट की आस लगाए बैठे पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया, विवेक शेजवलकर, नरोत्तम मिश्रा भी अंदरूनी तौर पर नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं नरेंद्र सिंह का करीबी होने के चलते भारत सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक और मंत्रियों का बेहतर सहयोग मिलने की उम्मीद भी कम है.

गुना लोकसभा सीट

गुना लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद केपी यादव का टिकट काट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर केपी यादव के साथ ही यादव मतदाताओं में भी इस बात को लेकर अंदरुनी नाराजगी है. साथ ही इस सीट से कांग्रेस के किसी दिग्गज के चुनाव मैदान में उतरने से भी BJP और सिंधिया के लिए बड़ी चुनौती रहेगी.

मुरैना लोकसभा सीट

बीजेपी ने मुरैना लोकसभा सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी शिवमंगल सिंह तोमर को चुनाव मैदान में उतारा है. शिवमंगल को टिकट मिलने से यहां भाजपा के कई नेताओं में अंदरूनी नाराजगी है. इस सीट पर सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रघुराज कंसाना, गिर्राज दंडौतिया और RSS के राजीव दंडौतिया टिकट के तगड़े दावेदार थे. इस सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी शिवमंगल सिंह को टिकट मिलने के बाद सिंधिया खेमा सहयोग करेगा इसकी उम्मीद कम है. सामाजिक आंकड़े भी BJP के लिए दिक्कत बनेंगे. BJP के OBC वोटर पर भी असर पड़ने की आंशका है.

भिंड लोकसभा सीट

भिंड लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर की करीबी वर्तमान सांसद संध्या राय को दोबारा टिकट दिया है. संध्या राय को दोबारा टिकट मिलने से यहां टिकट की आस लगाए बैठे पुराने नेता लाल सिंह आर्य अंदरूनी तौर पर नाराज है, तो वहीं सिंधिया खेमे की इमरती देवी भी चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रही थी, लिहाज़ा सिंधिया खेमा भी भिंड सीट पर संध्या राय के लिए दिक्कत बढ़ा सकता है.

ग्वालियर चंबल अंचल को इन चारों सीट पर टिकट वितरण के बाद ये परिस्थितियों के जन्म लेने की आशंकाओं के चलते BJP आलाकमान अलर्ट हो गया है. यही वजह है कि चुनाव से पहले भाजपा के अंदर पनप रहे असंतोष और गुटबाजी की आशंकाओं के खत्म करने CM डॉक्टर मोहन यादव ने खुद मोर्चा संभाल लिया है और चारों सीटों पर बनने वाले हर सियासी समीकरण की पल-पल की अपडेट खुद CM डॉ मोहन यादव ले रहे हैं.

सीएम मोहन ने संभाला मोर्चा

CM के मोर्चा सम्भालने का दावा तब और मजबूत होता जब बीते 10 मार्च को ग्वालियर दौरे के दौरान उन्होंने ग्वालियर के लोकसभा प्रत्याशी भारत सिंह, भिंड की लोकसभा प्रत्याशी संध्या राय, मुरैना के लोकसभा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर के साथ करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की. CM ने टिकट न मिलने से नाराज पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के घर पहुंच कर उनको भी मनाया. बैठक के बाद CM डॉ मोहन यादव ने मीडिया से कहा था कि हमने चुनाव को लेकर चर्चा की है. BJP पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में है. भाजपा अंचल की सभी सीट जीतेगी. हम प्रदेश की भी सभी सीट जीतेगे, यही हमारी तरफ से सभी को बधाई है.

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बीजेपी में नहीं गुटबाजी: भारत सिंह कुशवाहा

ग्वालियर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी भारत से कुशवाह भी कहना है कि ग्वालियर चंबल में सीएम ने सभी प्रत्याशियों की बैठक लेकर उनसे चुनाव के सिलसिले में चर्चा की है. ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है और ना ही कोई नेता नाराज है.

बीजेपी में गुटबाजी और बगावत: कांग्रेस

BJP के टिकट वितरण के बाद बने हालातों पर कांग्रेस भी तंज कस रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ राम पांडे का कहना है कि BJP में गुटबाजी और बगावत की आशंका नहीं बल्कि सच्चाई है. यही वजह है कि जब CM ने चारों लोकसभा सीट की बैठक की तो उसमें गुना से पार्टी की प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल नहीं हुए.

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चंबल की चारों सीटों पर विरोध: कांग्रेस

ग्वालियर चंबल अंचल की चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों का विरोध है. टिकट वितरण के बाद से भाजपा में अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी चल रही है. बीजेपी चारों लोकसभा सीट पर गुटबाजी से परेशान हैं. ऐसे माहौल में खुद CM को ग्वालियर चंबल में आकर नाराज लोगों को मना रहे हैं. लेकिन इससे भी कुछ होने वाला नहीं है. बीजेपी की गुटबाजी का फायदा कांग्रेस को मिलना तय है.

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बीजेपी के रूठों को मनाना आसान नहीं

सियासी गलियारों में सिर्फ यही चर्चा है कि ग्वालियर चंबल में टिकट वितरण के बाद भाजपा के लिए रूठों को मनाना कोई आसान काम नहीं होगा. BJP के लिए चारों सीट पर इस माहौल में जीत हासिल करना भी एक चुनौती है, हालांकि CM डॉ मोहन यादव खुद मोर्चा संभाल चुके हैं तो वहीं कांग्रेस इसका लाभ लेने के की कवायद में जुटी है.

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