हेमंत शर्मा, इंदौर।  मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 2024 तक में 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से छह बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया तो वही कम्युनिस्ट पार्टी ने एक बार भारतीय लोकदल ने एक बार और लगातार भाजपा ने नौ बार इंदौर की लोकसभा सीट पर जीत हासिल की हैं। 1972 से 1975 तक रहे कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे पीसी सेठी को सुमित्रा महाजन ने पहली बार मैदान में उतरकर 1989 में सुमित्रा महाजन ने 111614 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। तब से यह सीट भाजपा के खाते में चली आ रही है। भाजपा ने लगातार आठ बार इंदौर से लोकसभा सीट पर सुमित्रा महाजन को मैदान में उतारा और 9 बार इस लोकसभा सीट पर लगातार सुमित्रा महाजन ने अपनी जीत दर्ज कराई थी।

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इंदौर लोकसभा सीट में 9  विधानसभा क्षेत्र शामिल है, जिस पर भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में सभी 9 सीटों पर अपना परचम लहराया है। 2018 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पंकज सांगवी और बीजेपी से शंकर लालवानी को दोनों ही पार्टियों ने मैदान में उतारा जिसमें सांसद शंकर लालवानी को एक लाख वोटो से जीतने की उम्मीद थी लेकिन संसद शंकर लालवानी 547754 वोटो से जीते और रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की यह सिर्फ मोदी का जादू था जिसके चलते शंकर लालवानी इतनी बड़ी जीत हासिल कर सके।  

शंकर लालवानी पर बीजेपी ने फिर जताया भरोसा 

2024 के लोकसभा चुनाव में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। मैदान में भाजपा से सांसद शंकर लालवानी उतर चुके हैं अब तक कांग्रेस के प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जल्द मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर नाम की घोषणा करने की बात कहते नजर आ रहे हैं अब तक 10 सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। 

इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत का आंकड़ा किया तय 

भारतीय जनता पार्टी ने इंदौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा से पहले ही इंदौर में जीत का आंकड़ा तय कर लिया था। बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदेव ने कहा था प्रत्याशी कोई भी हो जीत का आंकड़ा 8 लाख पर होगा और जिसको लेकर लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का सिलसिला भी जारी रहा था। इंदौर बीजेपी कार्यालय में लोकसभा चुनाव कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान ही बीजेपी की अगली लिस्ट जारी हुई और इंदौर से फिर सांसद शंकर लालवानी का नाम सामने आ गया। हालांकि इंदौर लोकसभा सीट से कई बड़े नेता इंदौर से दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे थे जिसमें खुद कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल थे। 

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नाम की घोषणा के पहले ही भाजपा में हुई थी राजनीति 

इंदौर लोकसभा सीट पर नाम की घोषणा के पहले ही बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक कार्यक्रम के दौरान अपना बयान जारी किया था कि प्रधानमंत्री की मंशा है कि इंदौर से किसी महिला को सेफ लोक सभा सीट से चुनाव लड़ाया जाए। इस बयान के बाद इंदौर से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी।  इसके बाद इंदौर से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे दावेदारों में हड़कंप मच गया था। लेकिन देर शाम होते ही फिर कैलाश विजयवर्गीय अपने बयान से पलटते हुए नजर आए और कहा मैं मजाक कर रहा था और देखना चाहता था कि लोकसभा सीट से कितनी महिलाएं चुनाव लड़ना चाहती है।

कांग्रेस ने अभी नहीं खोले पत्ते 

इंदौर लोकसभा सीट पर लगातार भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के पास नेताओं की कमी का आरोप लगाती हुई तंज कस रही है तो वहीं अब तक इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले है। सूत्रों के मुताबिक इंदौर लोकसभा सीट से कोई भी बड़ा नेता चुनाव नहीं लड़ना चाहता है। वो भले ही पीसीसी चीफ जीतू पटवारी क्यों ना हो, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल ने बयान दिया है कि इंदौर में चौका देने वाला नाम सामने आएगा। लेकिन जब उनसे पूछा गया क्या आप इंदौर से चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा अब हम चुनाव लड़ने की दौड़ में है हम चुनाव लड़ना चाहते हैं।  इस बयान से यह तो सब जाहिर होता है कि इंदौर लोकसभा सीट से कोई भी कांग्रेस का नेता चुनाव नहीं लड़ना चाहता। लेकिन सत्यनारायण पटेल ने यह भी कहा कि अगर आलाकमान कोई निर्देश देता है तो उसे हर एक कांग्रेस की कार्यकर्ता आदेश मानकर मैदान में उतर जाएगा।

35 साल से बीजेपी का दबदबा 

मध्य प्रदेश का इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ कहा जा सकता है। यहां लोकसभा स्पीकर और बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन 1989 से लगातार आठ बार से लोकसभा चुनाव जीतती आ रही हैं। वर्तमान में यहां से शंकर लालवानी सांसद है कांग्रेस की बात करें तो आखिरी बार यहां कांग्रेस 1984 में जीती थी जिसमें कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी दो लोकसभा चुनाव 1980 और 1984 के जीते थे। इंदौर लोकसभा सीट में दीपालपुर, इंदौर-1, इंदैर-2, इंदैर-3, इंदैर-4, इंदैर-5, राउ और संवेर विधानसभा सीट आती हैं। इसके पहले एक बार 1977 में भारतीय लोक दल के कल्याण जैन और कम्युनिस्ट पार्टी के होमी एफ दाजी भी 1962 में चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा दबदबा बीजेपी की सुमित्रा महाजन का रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को रिकॉर्ड मतों से हराया था। 2018 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पंकज संघवी और बीजेपी से शंकर लालवानी को मैदान में उतारा था लालवानी को उमीद 1 लाख वोट से जितने की थी लेकिन लालवानी 5 लाख 47 हज़ार 754 वोटों से रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल हुई हालांकि ये मोदी का जादू था। 

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वर्ष 1989 में नौवीं लोकसभा के चुनावों के दौरान सुमित्रा महाजन जब इंदौर से पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं, तब इस सीट से कांग्रेस ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के 1972-75 में एमपी के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाशचंद्र सेठी को उनके सामने उतारा। चुनाव में सुमित्रा महाजन ने उन्हें 1,11,614 के मतों से हराया था। इसके बाद सुमित्रा महाजन की इंदौर लोकसभा सीट से जीतने का सिलसिला लगातार आठ बार तक जारी रही।

इंदौर लोकसभा में कुल मतदाता?

2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार इंदौर संसदीय सीट में कुल मतदाता 23,17,191 हैं।एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 3,93,922 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 17% है. इंदौर संसद सीट पर एसटी मतदाता लगभग 1,11,225 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 4.8% हैं। इंदौर संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 4,86,610 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 21% है।  इंदौर संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 1,830,581 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 79% है।  

क्या है जातिगत समीकरण?

जातिगत समीकरण पर नजर डालें, तो इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान में जाति के आधार पर जनसंख्या प्रतिशत विभाजन कुछ इस तरह है, जिसमें 

एससी 17%, एसटी 4.8%, बौद्ध 0.36%, ईसाई 0.58%, जैन 2.19%, मुस्लिम 12.67% और सिख 0.78% शामिल हैं। वहीं अगर सीट का संसदीय इतिहास देखा जाए तो 1989 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।  

जानें इस सीट पर कब कौन चुनाव जीता 

  • 1952 नंदलाल जोशी – इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 1957 कन्हैयालाल खादीवाला – इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 1962 होमी एफ दाजी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
  • 1967 प्रकाश चंद्र सेठी – इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 1971 राम सिंह भाई-इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 1977 कल्याण जैन-भारतीय लोक दल
  • 1980 प्रकाश चंद्र सेठी – इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 1984 प्रकाश चंद्र सेठी-इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 1989 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
  • 1991 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
  • 1996 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
  • 1998 सुमित्रा महाजन- बीजेपी
  • 1999 सुमित्रा महाजन- बीजेपी
  • 2004 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
  • 2009 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
  • 2014 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
  • 2018 सांसद शंकर लालवानी बीजेपी

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