नई दिल्ली . लोकसभा चुनावों में दिल्ली की तीन सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम फैसला नहीं ले पा रही है. उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया कांग्रेस ने नए सिरे से शुरू की है. कांग्रेस ने अपने हिस्से की 3 सीटों पर सर्वे कराना शुरू किया है. कांग्रेस ने सर्वे में उन नेताओं के नाम भी शामिल किए हैं, जिन्होंने पिछले दिनों चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.  अब इन नेताओं ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. इनमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी शामिल हैं.

पार्टी सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर से दिल्ली कांग्रेस के पाले में गेंद डाल दी है. दिल्ली कांग्रेस से सभी सीटों पर 1-1 प्रत्याशी का नाम तय करके सूची देने को कहा गया है. दिल्ली कांग्रेस से सभी सीटों पर एक-एक प्रत्याशी का नाम तय करके सूची देने को कहा गया है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी पहली बार गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. गठबंधन के चलते आप को चार और कांग्रेस के हिस्से में तीन सीटें आई हैं. आप ने अपने हिस्से की सीटों पर एक माह पहले ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस तीन सीटों पर उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पा रही है.

इंडिया गठबंधन की ओर से रामलीला मैदान में 31 मार्च को आयोजित लोकतंत्र बचाओ रैली के बाद कांग्रेस नेताओं का उत्साह बढ़ा है. इसके चलते उम्मीदवार अब ज्यादा मुखर होकर अपनी उम्मीदवारी रख रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने उम्मीदवारों के नाम भेजे थे, लेकिन शुक्रवार को हुई केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है. खासतौर पर उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट को लेकर सहमति न बनने की बात सामने आ रही है. इस सीट पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविन्दर सिंह लवली और संदीप दीक्षित के अलावा कन्हैया कुमार का नाम प्रत्याशी के लिए चल रहा है.

महिला चेहरा नहीं होने से असमंजस

भाजपा ने दिल्ली की 7 में से 2 सीट पर महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है, जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से आप ने अपने हिस्से की 4 सीटों पर महिला प्रत्याशी नहीं उतारी है. इसके चलते भी कांग्रेस पार्टी में महिला प्रत्याशी उतारने को लेकर असमंजस बनी हुई है. हालांकि, पार्टी नेताओं का मानना है कि किसी तरह के प्रयोग की बजाय जीतने वाले प्रत्याशी पर दांव लगाना ही ज्यादा उचित होगा.