नई दिल्ली। जनसंख्या की विविधता और उसके साथ सीटों की कम संख्या नार्थ-ईस्ट के क्षेत्रीय दलों के लिए वरदान साबित हो रहा है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को क्षेत्र में अपनी पकड़ को बरकरार रखने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का सहारा लेना पड़ रहा है. इसे भी पढ़ें : ‘मंडी के भाव’ पर सोशल मीडिया में मचा बवाल, कंगना रनौत के पलटवार के बाद आई सुप्रिया श्रीनेत की सफाई…

सेवन सिस्टर्स के नाम से मशहूर नार्थ-ईस्ट के सातों राज्यों में सात चरणों में होने वाले चुनाव के अलग-अलग चरण में चुनाव होंगे. अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नगालैंड, मिजोरम और मेघालय में 17 अप्रैल को, मणिपुर में दो चरणो में 17 और 26 अप्रैल को और असम में तीन चरणों में 17 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई में वोट डाल जाएंगे. सातों प्रदेश का चुनाव परिणाम अन्य राज्यों के साथ चार जून को आएगा.

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असम में जहां 14 लोकसभा सीटे हैं, वहीं अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में 2-2 लोकसभा सीटें हैं. मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में एक-एक लोकसभा सीटे हैं. इन राज्यों में कभी कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन समय के साथ भाजपा ने अपनी पैठ बनाई है, वहीं क्षेत्रीय दलों ने भी अपनी मौजूदगी का अहसास कराया है. इस तरह से नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला है.

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नॉर्थ ईस्ट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन आज यहां पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. वहीं दूसरी ओर समय के साथ भाजपा ने अपनी पैठ बनाई है, यही नहीं क्षेत्रीय दलों ने भी अपने विशिष्ट पहचान को बरकरार रखते हुए अपनी मौजूदगी का अहसास कराया है. इस तरह से नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला है.

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असम में एक तरह से भाजपा का वर्चस्व है, वहीं क्षेत्रीय दल के नाम पर एआईयूडीएफ ही नजर आती है, जिसने बीते लोकसभा चुनाव में एक सीट हासिल की थी. असम के अलावा दूसरे अन्य नार्थ-ईस्ट राज्यों में क्षेत्रीय दलों का प्रभुत्व नजर आता है. यही वजह है कि भाजपा ने हवा के बहाव को भांपते हुए मेघायल, मणिपुर और नगालैंड में क्षेत्रीय दलों का समर्थन करने का फैसला लिया है.

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भाजपा मेघालय में लोकसभा की दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और मणिपुर की दो संसदीय सीटों में से एक पर नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) को समर्थन देगी. इसके साथ ही नगालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट पर राज्य की सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) का भी समर्थन करने की घोषणा की है.

क्या रहा 2019 के चुनाव का परिणाम

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मेघालय की दो सीटों और मणिपुर की एक सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था. वहीं एनपीएफ और एनडीपीपी ने उन सीटों पर जीत हासिल की थी, जिन पर भाजपा ने उन्हें समर्थन दिया था. अरुणाचल प्रदेश की दोनों ही सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी को जीत मिली थी. मणिपुर की लोकसभा की एकमात्र सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि दूसरी पर एनपीएफ जीती थी.

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मेघालय की शिलांग लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत मिली थी. वहीं तरा सीट पर एनपीपी ने जीत हासिल की थी. त्रिपुरा की दोनों ही लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीती थी. मिजोरम की इकलौती सीट पर एमएनएफ को जीत मिली थी. नगालैंड की सीट पर एनडीपीपी जीती थी. असम में 14 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 6 सीटें, कांग्रेस को 7 और AIUDF को 1 सीट पर जीत मिली थी.