पुरुषोत्तम पात्र गारियाबंद। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के 8 विधानाभाओं में से बिन्द्रानवागढ़ में सर्वाधिक 81.19 प्रतिशत मतदान हुआ. मतदान में पुरुष की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया. विश्लेषकों का दावा है कि हर बार की तरह इस बार भी भाजपा को जीत दिलाने बिन्द्रानवागढ़ संकटमोचक साबित होगा. कई विषम परिस्थितियों के बावजूद बिंद्रानवागढ़ में सर्वाधिक 81.19 प्रतिशत मतदान अब सियासी गलियारों के लिए चर्चा और चिंतन का विषय बन गया है. इस विस में कुल 229030 मतदाता हैं, जिसमें 112375 पुरुष मतदाताओं ने तो 116652 महिला मतदाताओं ने मतदान किया. पिछली लोकसभा चनुाव के तुलना में इस बार 2 प्रतिशत मतदान बढ़ा है.

भाजपा चुनाव संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी ने कहा की भाजपा ने विधानसभा चुनाव में किए वायदे को तत्काल निभाया. हमने महातारी वंदना कर सम्मानित किया,उसी के प्रतिफल माता-बहनों ने चुनाव में उत्साह से भाग लिया. कांग्रेस विधायक जनकराम ध्रुव ने कहा कि यह बदलाव के संकेत है. जनता इस सीट पर विधानसभा की तरह लोकसभा में भी कांग्रेस को मौका देने वोट किया है. महासमुंद लोकसभा सीट पर भाजपा से रूपकुमारी तो कांग्रेस से ताम्रध्वज साहू प्रत्याशी थे.

जानकारों का मानना है की भाजपा के तुलना में कांग्रेस प्रचार में पिछड़ी नजर आई. कांग्रेस बगैर चुनाव कार्यलय के ही इस सीट पर चुनाव का संचालन किया. किसी भी बड़े नेता या स्टार प्रचारक का सभा नहीं हुई और चुनाव संचालन की जवाबदारी बार बार बदलती रही. महतारी वंदन की तुलना में महालक्ष्मी का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा. वोट मांगने के लिए कांग्रेस कोई बड़ी वजह नही गिना पाई. इसके विपरित भाजपा प्रचार में आगे रही. सीएम की सभा के अलावा कई बड़े नेताओं का लगातार दौरा रहा. हाइटेक प्रचार में भी भाजपा आगे नजर आई.

फिर एक बार जीत की चाबी बनेगी बिंद्रानवागढ़
विश्लषको का मनाना है की हर बार की तरह इस बार भी लोकसभा की सीट जीतने में बिंद्रानवागढ़ संकट मोचक साबित होगी. पुराने रिकार्ड पर गौर करें तो चंदूलाल साहू हो या फिर चुन्नीलाल साहू, बिंद्रानवागढ़ में मिली एक तरफा बढ़त मददगार साबित हुई थी. अजित जोगी जैसे दिग्गज के लिए आई विपरीत परिणाम भी इसी सीट के वजह से थी. ऐसे में हर बार की तरह इस बार भी बिंद्रानवागढ़ को भाजपा के लिए संकटमोचक साबित होने का अनुमान लगाया जा रहा.