अमित पांडेय, सीधी। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। जनता एक बार फिर अपना सांसद चुनेंगी। एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है ? आइए नजर डालते है एमपी की सीधी लोकसभा सीट पर…सीधी संसदीय क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा आती है, जिसमें सीधी, चुरहट, धौहनी, सिहावल, देवसर, चितरंगी, सिंगरौली, शहडोल जिले की ब्यौहारी विधानसभा सीट शामिल है। मतदाताओं की बात करे तो सीधी लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1736050 है। जिसमें 820350 महिला और 915700 पुरुष वोटर है।

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सीधी लोकसभा में कब, कौन, किस पार्टी का बना प्रत्याशी

  • 1952 रणधमन सिंह, किसान मजदूर प्रजा पार्टी
  • 1952 भगवान दत्त शास्त्री, सोशलिस्ट पार्टी
  • 1962 आनंद चंद्र जोशी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1967 – भानु प्रकाश सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1971 – रनबहादुर सिंह, स्वतंत्र
  • 1977 – सूर्य नारायण सिंह, जनता पार्टी
  • 1980 – मोतीलाल सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)
  • 1984 – मोतीलाल सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1989 – जगन्नाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी
  • 1991 – मोतीलाल सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1996 – तिलक राज सिंह, अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (टी)
  • 1998 – जगन्नाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी
  • 1999 – चन्द्र प्रताप सिंह, भारतीय जनता पार्टी
  • 2004 – चन्द्र प्रताप सिंह, भारतीय जनता पार्टी
  • 2007 – माणिक सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 2009 – गोविंद प्रसाद मिश्र, भारतीय जनता पार्टी
  • 2014- रीति पाठक, भारतीय जनता पार्टी
  • 2019 – रीति पाठक, भारतीय जनता पार्टी

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सीधी में बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित

सीधी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। बीजेपी ने संगठन के मझे हुए कार्यकर्ता डॉ राजेश मिश्रा पर भरोसा जताया है, तो वहीं कांग्रेस ने ओबीसी चेहर पर दांव खेलते हुए कमलेश्वर पटेल को उम्मीदवार बनाया है।

कांग्रेस के लिए चुनौती

सीधी लोकसभा सीट दोनों में जनसंघियों के कब्जे में रही। इसके बाद यह कांग्रेस ने अपना हाथ मजबूत कर लिया। कुछ वर्ष बीते इसके बाद भाजपा ने सीधी लोकसभा सीट को अपने कब्जे में ले लिया। जगन्नाथ सिंह जैसे आदिवासी नेता सांसद रहे। वर्ष 2009 में पहली बार भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला था। यह फार्मूला भाजपा को फिट बैठ गया। तब से लगातार यह सीट भाजपा के कब्जे में रही। सीधी लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए चुनौती बनी हुई है।

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इससे पहले इस सीट से पूर्व मंत्री स्वर्गीय इंद्रजीत कुमार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल जैसे दमदार चेहरे मैदान में उतार चुकी है, लेकिन दोनों चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ता रहा है। दोनों ही दमदार नेताओं को रीति पाठक ने चुनाव हराया था। वर्ष 2019 में पौने तीन लाख से कांग्रेस को करारी हार मिली थी।

सीधी में हैट्रिक लगा चुकी भाजपा ने फिर खेला ब्राह्मण चेहरे पर दांव

सीधी लोकसभा में हैट्रिक लगा चुकी बीजेपी ने एक बार फिर ब्राह्मण चेहरे पर भरोसा जताया है। भाजपा की पहली लिस्ट में डॉ राजेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले मिश्रा सीधी विधानसभा के दावेदार रहे हैं। बता दें कि डॉ राजेश मिश्रा सीधी जिलाध्यक्ष के साथ लंबे समय से भाजपा संगठन में महत्वपूर्ण पदों में रहे हैं। जिलाध्यक्ष रहने के दौरान वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में चुरहट के कांग्रेस गढ़ में भेदने में सफल रहे हैं। मैहर और शहडोल जिले के संगठन प्रभारी भी रह चुके हैं। यह पेशे से कुशल डॉक्टर भी है।

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इसके साथ ही डॉ राजेश मिश्रा बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, विद्या भारती सरस्वती शिशु मंदिर चुरहट के संस्थापक सदस्य, करौंदिया शिशु मंदिर सहित कई विद्यालयों का संचालन किया है। डॉ मिश्रा भारतीय रेड क्रॉस समिति के प्रदेश प्रतिनिधि और प्रदेश कार्य समिति के साथ-साथ संघ के अनेक विभिन्न क्षेत्रों और और विभिन्न समितियों के मार्गदर्शक मंडल में कार्य कर रहे हैं। लंबे समय से पेशा डॉक्टर होने के कारण इनका आमजन से सीधा जुड़ाव रहा है।

कांग्रेस के लिए रास्ता टेढ़ा

सीधी लोकसभा सीट का नाम सीधी जरूर है, लेकिन राजनीति लिहाज से कांग्रेस के लिये यह रास्ता और टेढ़ा साबित होता जा रहा है। जहां तीन पंचवर्षीय से लगातार काबिज होकर बीजेपी अपना रास्ता सीधा मान रही है। अब देखना होगा कि क्या बीजेपी चौका लगा पाएगी या फिर कांग्रेस यहां से जीत हासिल कर भाजपा के विजय रथ पर ब्रेक लगाएगी। यह तो लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद पता चल सकेगा।

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