अमृतांशी जोशी, भोपाल। कोरोना (corona) और मंकीपॉक्स (monkeypox) के बाद अब लम्पी वायरस (lumpy virus) आ गया है। लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) देश के विभिन्न राज्यों में तेजी से फैलता जा रहा है। रास्थान, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में यह बीमारी तेजी से पालतू पशुओं में फैल रहा है। इस बीमारी के चलते इन राज्यों में 1200 गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, करीब 25000 से अधिक मवेशी इस खतरनाक संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। पड़ोसी राज्यों में लम्पी स्किन डिजीज के कहर को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
गाइड-लाइन अनुसार रोग की पहचान एवं नियंत्रण के सतर्क रहने के लिए कहा गया है। साथ ही संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं। संक्रमित क्षेत्र के बाजार में पशु बिक्री, प्रदर्शनी, खेल पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है। संक्रमित क्षेत्र में बीमारी फैलाने वाले मक्खी-मच्छर की रोकथाम के लिए निर्देश दिया गया है। एक संक्रमित पशुओं से दूसरे पशुओं में लंपी वायरस फैल रहा है।
लम्पी डिजीज के लक्षण
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गायों और पशुओं को होने वाली यह समस्या, लम्पी डिजीज है। ऐसा माना जा रहा है कि यह डिजीज पाकिस्तान के रास्ते भारत में फैला है। लम्पी डिजीज की बात कि जाए तो पशुओं शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं. इस वायरस की वजह से पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है। बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता काफी गिरने लगती है। इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते नजर आने लगते हैं।
लम्पी डिजीज फैलने के कारण
बताया जा रहा है कि लम्पी डिजीज संक्रमित गाय के संपर्क में आने से दूसरी गायों में फैल रही है। यह मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान फैल सकती है। इसके अलावा दूषित गाय के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है। इसके कारण अबतक कई गायों की मौतें हो चुकी हैं।
लम्पी संक्रमण से बचाव के तरीके
- संक्रमित पशुओं को अपने पालतू जानवरों से दूर रखें।
- मवेशियों के आसापास की जगहों को साफ करें।
- पालतू जानवर जहां रहते हैं वहां मच्छरों और मक्खियों को पनपने से रोकें।
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