अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्य प्रदेश में विकास के साथ सरकार ने गरीबी को घटाने का काम भी किया है। बीते 5 सालों में देश के 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। वहीं मध्यप्रदेश में 1.36 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हैं। गरीबी कम करने में देश में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर उत्तरप्रदेश और दूसरे नंबर पर बिहार है।

यह आंकड़े नीति आयोग के राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023 के तहत सामने आई है। इनमें वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019 से 21 के बीच का आकलन कर तथ्य दिए गए हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सदस्य डॉ वीके पाल, डॉ अरविंद विरमानी और नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने सोमवार को यह रिपोर्ट जारी की है।

36 राज्यों के 707 जिलों का अध्ययन किया गया है, जिनमें 12 मापदंडों पर जानकारी जुटाई गई हैं। मध्य प्रदेश में गरीबी बढ़ने की रफ्तार में भी कमी आई है। 2015-16 में शहरी क्षेत्र में यह रफ्तार 44.62 प्रतिशत थी, जो कि अब 42.51 हो गई है। इसी तहत ग्रामीण क्षेत्र में 47. 57 से घटकर 43.83 प्रतिशत हो गई हैं।

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5 सालों में गरीबों की संख्या 24.85 परसेंट से गिरकर 14. 96 हो गई हैं। शहरी क्षेत्रों में 8.65 परसेंट से कम होकर 5.27 हुआ है तो ग्रामीण क्षेत्रों में 32 59% गिर कर यह 19.28 हुई हैं।

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