शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में कई कर्मचारी संगठन एक बार फिर आंदोलन की राह पर है। कर्मचारी संगठन अपनी-अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। दरअसल, चुनावी साल में सरकार पर मांगें पूरी करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

सज्जन के बिच्छू वाले बयान पर सारंग का पलटवार: कहा- मैं उनका सम्मान करता हूं, इसलिए कुछ नहीं बोलूंगा, ये उनका विवेक है

प्रदेश के जबलपुर जिले में 6 नवंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। जिसमें 18 कर्मचारी संगठन एक साथ आंदोलन करेंगे। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि पुरानी पेंशन बहाली, पदोन्नति फिर शुरू करने, नियमितिकरण और सातवां वेतनमान दिया जाए। इस प्रदेशव्यापी आंदोलन में ऑर्डिनेंस कर्मचारी, रेलवे, बैंक, शिक्षक, पंचायत सचिव, बिजली कर्मचारी संगठन शामिल होंगे।

सियासतः रॉबर्ट वाड्रा के साईं बाबा से राहुल की तुलना पर बवाल, BJP ने कहा- जो राम को गाली देते हैं उन्हें भगवान बताने की कोशिश, कांग्रेस का पलटवार, बोली- रावण भी रथ पर चलता था और बीजेपी भी, दोनों समान

चुनावी साल को देखते हुए कर्मचारी संगठनों में मोर्चा खोल दिया है। जिससे सरकार की टेंशन बढ़ गई है। वहीं आंदोलन को लेकर कर्मचारी संगठनों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। पहले सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों के सामने अपनी मांगे रखेंगे। यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो कर्मचारी आंदोलन पर जाएंगे। बता दें कि प्रदेश में करीब 10 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी है। वहीं अधिकतर कर्मचारी संगठनों की मांग एक जैसी ही है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus