मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हमीदिया अस्पताल में अब तक कैथ लैब का स्थाई समाधान नहीं हो सका है। जिससे हार्ट रोगियों का उपचार मुश्किल में पड़ गया है। मरीजों को कैथ लैब तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि अस्पताल प्रबंधन का दावा था कि मार्च के महीने में यह लैब नवीन भवन के किसी हिस्से में शिफ्ट कर दी जाएगी।

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दरअसल, जनवरी से किया जा रहा पुरानी बिल्डिंग तोड़ने का काम अभी भी जारी है, जिसे लेकर फरवरी में योजना बनाई गई थी कि कैथ लैब को नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई थी, यहां तक की ए ब्लॉक में इसकी जगह भी चुन ली गई थी। अब इस लैब को नए भवन में शिफ्ट करने का निर्णय बदल दिया गया है। नए भवन में शिफ्ट करने के बजाएं इसे पुरानी बिल्डिंग में ही संचालित करने की योजना बनाई गई है।

इसके लिए बाकायदा अस्थाई तौर पर रैंप बनाया गया है ताकि मरीज आसानी से लैब तक पहुंच सकेंगे। इस पर 10 लाख रुपए भी खर्च किए गए हैं। लेकिन रोगियों की समस्या का समाधान नहीं हो सका है, क्योंकि रात दिन पुराने भवन के हिस्सों को तोड़ा जा रहा है वहीं मलवा उठाने की बजाय बिल्डिंग के पास ही ढेर लगाया जा रहा है। जिससे रोगी लैब तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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वृद्ध और दिव्यांग रोगियों की परेशानी बड़ी
सबसे अधिक दिक्कत उन रोगियों को हो रही है जो बुजुर्ग है। इन्हें चलने फिरने में ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ता है। विकलांग रोगी भी अपनी जांच करने के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें भी प्रतिदिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कार्डियक डिपार्टमेंट में नर्स से लेकर कर्मचारी भी अधीक्षक को समस्या बता चुके हैं। ऐसे में जीएमसी डीन कविता एन सिंह का कहना है कि, यह एक गंभीर विषय है हम शीघ्र ही इस विषय से संबंधित लोगों से चर्चा कर रहे है। कैथ लैब की जल्द ही स्थाई व्यवस्था होगी। ताकि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

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