सुजान सिंह उइके, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर नेशनल हाईवे पर सफर करना इन दिनों खतरे से खाली नहीं है। कुछ समय पहले ही लाखों खर्च कर सड़क की मरम्मत का दावा किया गया, लेकिन बारिश के दिनों में फिर से नेशनल हाईवे की दुर्दशा होने लगी है। पिछले साल हुई बारिश के बाद छिंदवाड़ा नरसिंहपुर हाईवे गड्ढों में तब्दील हो गया था। जिसके बाद ठेकेदार ने पेंच वर्क कर लाखों के बिल लगाए थे। इस पेंच वर्क में इस कदर लापरवाही बरती गई कि फिर बारिश के बाद करोड़ों की लागत से बनाया हाईवे पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गया है।

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दरअसल, नेशनल हाईवे 547 में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां हर दूसरे कदम पर मिलने वाला गड्ढा नेशनल हाईवे के निर्माण में बरती गई लापरवाही को उजागर कर रहा है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले राहगीर हादसे का शिकार भी हो रहे है। हालात इतने खराब है कि छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर की 135 किलोमीटर की दूरी तय करने में बड़े वाहनों को करीब 7 घंटे का समय लग रहा है।

बता दें पिछले साल भी इसी तरह से सड़क धंस गई थी। जिसके बाद सड़क पर पेंच वर्क की खानापूर्ति कर दी गई थी। देखा जाए तो सड़क का निर्माण दोबारा किया जाना था, लेकिन वह पेंच वर्क भी कोई काम नहीं आया। इस साल फिर यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। इस मार्ग में जगह-जगह गड्ढों के अलावा कीचड़ और रोड का मटेरियल पड़ा हुआ है, इसमें अक्सर वाहन फंसे रहते हैं। साथ ही हर दिन किसी ना किसी दुर्घटना की खबर सामने आते रहती है।

इसके बावजूद छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर के बीच दो टोल नाके पड़ते हैं। जहां वाहनों से बकायदा टोल की वसूली की जा रही है, लेकिन सड़क के निर्माण की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है। यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों का कहना है कि जब हमें कोई सुविधा नहीं दी जा रही तो टोल की वसूली क्यों की जाती है। जबकि टोल टैक्स सड़क की सुविधा प्रदान करने के लिए ही लिया जाता है।

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NHAI के द्वारा सड़क पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा और सड़क पर बने गड्ढे किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। जिससे भारी जनहानि भी हो सकती है। इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन होता है, इसलिए ऐसी कोई भी दुर्घटना होना संभावित है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस ओर ध्यान देता है या किसी बड़ी घटना होने का इंतजार करता है।

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