शब्बीर अहमद, भोपाल। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इसके बाद सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश को 1 हजार 55 करोड़ रुपए का इन्सेंटिव इस साल भारत सरकार ने दिया है।

सीएम ने कहा कि एक तो हमने, हमने पब्लिक असेट मैनेजमेंट कंपनी बना के जो पब्लिक असेट थे उनको ठीक से मैनेज किया। दूसरा इन्वेस्टमेंट कंपनियों के माध्यम से जो, हमने किया। उसके कारण हमको इन्सेंटिव मिला। वैसे 1 हजार 55 करोड़ रुपए भारत सरकार से हमको इन्सेंटिव मिला।हमने पब्लिक असेट मैनेजमेंट के लिए एक एसपी भी बनाई है, जब सरकारी कंपनी, सरकारी विभाग जब असेट मैनेज करने का काम करता है तो कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अलग से अगर आप कंपनी बनाकर करते हैं तो अलग से कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
मैंने वित्त मंत्री से आग्रह किया कि, अगर हम अलग से कंपनी बनाकर कर रहे हैं तो भी अपनी नीति के अंतर्गत ही कर रहे हैं। इसलिए, कैपिटल गेन टैक्स ना लगे ये मैंने, प्रार्थना की है।

सीएम शिवराज ने कहा कि हमारा प्रिक्योरमेंट के बारे में आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश गेहूं प्रिक्योर करता है, चावल प्रिक्योर करता है, बाकी चीजें भी प्रिक्योर करके हम भारत सरकार को देते हैं, भारत सरकार के लिए करते हैं। उनके कई क्लेम थे, जो सेटल नहीं हुए थे, क्योंकि दो 3 साल लग जाते, जब हम खरीद के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बांट देते हैं। उसके बाद वो सेट होते हैं।

पीयूष गोयल से भी मिले सीएम शिवराज

सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे लगभग 6000 करोड़ रुपए की कई साल पुराने क्लेम पेंडिंग है और वो दोनों सरकारों में कई बार वहां से बिल भेजते हैं, सेटल करने का चक्कर रहता है, तो उस पे हमारी चर्चा हुई। सीएम ने कहा कि मूंग मध्यप्रदेश में बहुत अच्छा पैदा हुआ है हमको किसान से मूंग खरीदना है। उसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलकर अनुमति मांगेंगे। इसका आग्रह कृषि मंत्री और खाद्य मंत्री दोनों से है। उस पर फैसला होना है जब नरेंद्र सिंह आ जाएंगे तो, उस दिशा में कुछ आगे बढ़ेंगे। सीएम ने कहा कि ऐसे अनेकों मध्यप्रदेश के जनहित के मामले थे, जिनको लेकर दोनों केंद्रीय मंत्रियों से मैंने भेंट की।

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