कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में पहले चरण की 6 लोकसभा सीटों पर आज चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। एमपी के पहले फेस में जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीधी, मंडला और शहडोल में 19 अप्रैल को मतहान होगा। वहीं 4 जून को मतगणना होगी। हम बात जबलपुर लोकसभा सीट की कर रहे हैं। वोटिंग से पहले जानिए सब कुछ, कौन कितने पानी में है ? आइए डालते हैं एक नजर…

जबलपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने आशीष दुबे को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने दिनेश यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला है। जबलपुर से कुल 19 प्रत्याशी मैदान में हैं।

Special Report: जबलपुर में शरद यादव ने ढहाया था कांग्रेस का किला, फिर नहीं जमने दिए पैर, पिछले 3 दशक से बीजेपी का कब्जा

बीजेपी प्रत्याशी आशीष दूबे

  • भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे, जन्म 15 सितंबर 1970
  • शिक्षा बीकॉम, एलएलबी
  • व्यवसाय कृषि कार्य एवं व्यापार
  • साल 1990 से कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय राजनीति की शुरुआत
  • साल 2000 में जिला महामंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा, जबलपुर
  • साल 2007 से 2010 तक जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, जबलपुर
  • साल 2010 से 2015 तक जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, जबलपुर
  • साल 2016 से 2021 तक प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश
  • साल 2021 से प्रदेश मंत्री, भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश

कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव

  • उम्र 59 साल, शिक्षा बीकॉम, व्यवसाय कृषि एवं व्यापार
  • संपत्ति का ब्योरा 5,85,07,374 रुए।
  • देनदारियां – 51,20,019 ~51 लाख+रुपए

Special Report: लोकसभा चुनाव में ‘आधी आबादी’ को नहीं मिली तवज्जो, MP में कांग्रेस ने एक महिला को दिया टिकट, बीजेपी ने 29 में सिर्फ 6 को चुनावी मैदान में उतारा

कांग्रेस ने दिनेश यादव को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है। दिनेश वर्तमान में प्रदेश महासचिव की भूमिका निभा रहे हैं। वे 11 साल कांग्रेस के नगर अध्यक्ष भी रहे हैं। दिनेश यादव महापौर का चुनाव भी लड़ चुके हैं। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। दिनेश यादव का संगठन के काम का अनुभव और स्थानीय नेताओं से बेहतर तालमेल है।

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने नए चेहरों को मैदान में उतारा

जबलपुर सीट से कांग्रेस ने दिनेश यादव को तो बीजेपी ने आशीष दुबे को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी, कांग्रेस दोनों ने नए चेहरों को मौका दिया है। ये दोनों प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। दोनों ही प्रत्याशियों को संगठन की जिम्मेदारी संभालने का अनुभव है।

1996 से बीजेपी का कब्जा

जबलपुर सीट आजादी के बाद कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट हुआ करती थी, लेकिन 28 साल से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। 1996 के बाद से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। पहली बार 1974 में शरद यादव ने कांग्रेस का किला ढहाया था।

BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों की ससुराल

जबलपुर लोकसभा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों की ससुराल है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सास जय श्री बनर्जी भी 1999 में जबलपुर से सांसद चुनी गई। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा भी जबलपुर में नर्मदा आरती और रानी दुर्गावती, शंकर शाह रघुनाथ शाह को नमन करने पहुंचते रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह जबलपुर से चार बार से लगातार सांसद रहे हैं।

Special Report: दोस्त बने दुश्मन, जिन्‍हें जिताने के लिए करते थे प्रचार, अब उन्हें हराने के लिए करनी पड़ेगी मेहनत, कांग्रेस से BJP में गए नेताओं के सामने बड़ी चुनौती

सत्ता के सेमीफाइनल में बीजेपी ने मारी थी बाजी

बीजेपी ने 20 साल बाद एक ब्राह्मण और नए चेहरे आशीष दुबे को चुनाव में उतारा है। कांग्रेस ने भी इस बार नए चेहरे दिनेश यादव पर दांव लगाकर ओबीसी कार्ड खेला है। सत्ता के सेमीफाइनल यानि विधानसभा चुनाव में जबलपुर लोकसभा में आने वाली 8 विधानसभा में से 7 पर बीजेपी तो 1 सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया। जबलपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा में 4 चार शहरी 4 ग्रामीण सीट है।

कुल मतदाता

जबलपुर की जनसंख्या 25,41,797 है, जिसमें से 59.74 फीसदी शहरी और 40.26 फीसदी ग्रामीण है। जबलपुर लोकसभा सीट पर 18 लाख 96 हजार 346 मतदाता है। जिसमें 9,63,075 पुरुष और 9,33,186 महिला वोटर है। जबकि थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 95 और 86 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता 6666 हैं।

जातिगत समीकरण

दूसरी तरफ जातिगत समीकरण की बात की जाए तो सबसे ज्यादा संख्या 15.4 फीसदी अनुसूचित जनजाति की है। अनुसूचित जाति की संख्या 14.3 फीसदी है। 7.4 फीसदी मुस्लिम वोटर्स है। जीत तय करने में आदिवासी, ओबीसी और ब्राह्मण मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं। 4 महानगर में से एक है जबलपुर है, लेकिन जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर के मुकाबले विकास के मामले में पिछड़ा है।

Special Report: ‘लखटकिया जीत’ वाली बीजेपी! इस नाम की ग्वालियर चंबल अंचल में खूब हो रही चर्चा, जानिए आखिर क्या है वजह ?

पिछले चुनाव में भाजपा को मिली थी जीत

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जबलपुर लोकसभा सीट पर निर्णायक जीत हासिल की थी। भाजपा उम्मीदवार राकेश सिंह को 8 लाख 26 हज़ार 454 वोट मिले थे, जो कुल वोटों का 65.41% था। कांग्रेस के विवेक कृष्ण तन्खा को 3 लाख 71 हजार 710 वोट मिले, जो कुल वोटों का 29.42% था। 2019 में राकेश सिंह को 4,54,744 वोटों से जीत मिली थी। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 69.46% रहा था।

19 अप्रैल को मतदान, कुल इतने मतदान केंद्र

जबलपुर लोकसभा सीट से इस बार कुल 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में। 19 अप्रैल को होने वाली वोटिंग के लिए कुल 2139 मतदान केंद्र बनाए गए है। जबलपुर लोकसभा सीट पर कुल 170 सेक्टर बनाए गए हैं। असुरक्षित मतदान केंद्र की संख्या 15 है। क्रिटिकल मतदान केंद्र की संख्या 482 है। 19 अप्रैल को जबलपुर लोकसभा सीट पर 8000 से ज्यादा पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। प्रशासनिक कर्मचारी की बात करें तो 15000 से ज्यादा कर्मचारी इस चुनाव ड्यूटी में लगे हुए हैं।

प्रमुख मांगें

  • ट्रांसपोर्ट सुविधा बढाई जाए
  • इंदौर और भोपाल की तरह मेट्रो ट्रेन की मांग
  • रोजगार सबसे अहम मुद्दा
  • औद्योगिक विकास के लिए एक क्लस्टर की डिमांड
  • किसानो के लिए प्रदेश स्तरीय बड़ी मंडी
  • शिक्षा के लिए NIT या बड़े संस्थान
  • बड़े मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H