अजयारविंद नामदेव, शहडोल। सरकार भले ही मुफ्त राशन बांटने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ग्रामीण क्षेत्र तो छोड़िए शहरी क्षेत्र में भी लोगों को खाद्यान्न राशन नही मिल पा रहा है। जिसकी एक बानगी मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में देखने को मिली। जहां कोटेदार की मनमानी के चलते लोगों को उनके हक का निवाला नहीं मिल रहा है। जिससे नाराज लोगों ने नगरपालिका पहुंचकर विरोध जताया और कहा उन्हें राशन दिलाए या योजना से वंचित कर दें।

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दरअसल, जिले के नगरपालिका अंतर्गत धनपुरी नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नं 23 में संचालित निहारिका क्रय विक्रय समिति शासकीय उचित मूल्य की दुकान से हितग्राहियों को दो माह से राशन नहीं मिल पा रहा है। मंटू नामक कोटेदार हितग्राहियों को पर्ची काटकर उन्हें राशन नही देता। एक माह का राशन दूसरे माह और दूसरे का राशन तीसरे माह देता है। जिससे परेशान होकर विरोध करने पहुंचे और जिला प्रशासन से कोटेदार के अत्याचार से मुक्ति दिला राशन दिलाने की मांग की है। पीड़ित दुर्गा बैगा ने कहा कि उन्हें या तो राशन दिलाए या फिर उनको इस योजना से वंचित कर दें।

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हितग्राही मुन्ना बाई ने कहा कि सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वालों के लिए राशन देने का प्रावधान है। लेकिन कोटेदार राशन नहीं दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कोटेदार मंटू प्रतिमाह राशन नहीं दे रहा, लेकिन राश की पर्चियां एडवांस में देते हुए बाद में राशन देने की बात कर रहा है। जब भी राशन लेने जाते हैं तो बताया जाता है कि शासन द्वारा उनके दुकान पर राशन पर्याप्त मात्रा में नहीं भेजा गया है। इसलिए वह राशन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।

वहीं इस पूरे मामले में जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी कमलेश टांडेकर ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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