कांकेर। यातायात कानून और हेलमेट पहनने के लिए लोगों को जागरुक करने खुद मजिस्ट्रेट को सड़क पर उतरना पड़ा. लोगो को जागरुक करने के लिए मजिस्ट्रेट साहब अपनी कार की बजाय हेलमेट लगाकर दुपहिया वाहन में सवार होकर शहर में निकल गए. शनिवार को शहर में हेलमेट और यातायात जागरुकता रैली निकाली गई. जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ, वकील, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और पत्रकार शामिल हुए.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ ने लोगों से हेलमेट पहनकर ही दुपहिया चलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि जीवन अमूल्य है, वाहन चालक हेलमेट पहनकर ही वाहन चलायें और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें.
उन्होंने कहा कि दो देश के बीच होने वाली लड़ाई में जितने सैनिक शहीद होते हैं उससे ज्यादा लोग भारत में सड़क हादसे में मारे जाते है. सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों के बाद भारत सरकार को कई हजार करोड़ रूपये का मुआवजा देना पड़ता है. जब कोर्ट में क्लेम केस किया जाता है. यदि लोग जागरूक होंगे और दुर्घटनाएं रूकने से लोगों की जाने बचेंगी और सरकार के कई हजार करोड़ रूपये भी बचेंगे. जिला न्यायधीश हेमंत सराफ ने आगे कहा कि सड़क हादसे में मरने वाले व्यक्ति अपने पीछे रोता बिलखता परिवार छोड़ जाते है, इसके बाद भी लोग सड़क हादसों से सबक नहीं लेते है.
वहीं, यातायात प्रभारी केजुराम रावत ने कहा कि वाहन चालकों को अपनी सुरक्षा के लिए वाहन चलाते समय हेलमेट का इस्तेमाल करना चाहिए. रोड में हमेशा बाएं साइड चलना चाहिए, वाहनों के कागजात और ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा साथ रखें. गाड़ियों के नंबर प्लेट बराबर सही तरीके से स्पष्ट अक्षरों में लिखना चाहिए, नंबर प्लेट में कभी भी अपना नाम या किसी अन्य व्यक्ति का नाम ना लिखें क्योंकि यह कानूनन अपराध है. वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करना चाहिए. जब कभी भी आप वाहन चलाएं तो अपनी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें.
रैली में ही नियमों का उड़ाया माखौल
रैली लोगों को यातायात नियमों को लेकर जागरुक करने के लिए निकाली गई थी. लोगों को लायसेंस, वाहन के कागजात, हेलमेट, नंबर प्लेट में नंबर सही तरीके से लिखना जैसी चीजों को सिखाया जा रहा था लेकिन रैली में ही शामिल लोगों ने यातायात नियमों का पालन नहीं किया. रैली में कई ऐसे लोग शामिल थे जिनकी गाड़ियों में नंबर प्लेट नहीं थी, वहीं कुछ लोगों की गाड़ी में नंबर प्लेटें तो थी लेकिन उसमें नंबर ही नहीं लिखे थे.