दुष्यंत मिश्रा, भोपाल/गुना। कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) के गढ़ राघोगढ़ में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) ने सेंध लगा दी है। राघोगढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक मूल सिंह दादाभाई के बेटे हिरेंद्र सिंह ने भाजपा की सदस्यता ले ली।  हिरेंद्र सिंह अपने 2 हजार अधिक समर्थकों के साथ बाजपा में शामिल हुए।  केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) ने हिरेंद्र सिंह (hirendra singh)को भाजपा की सदस्यता दिलाई।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राघोगढ़ में आदिवासी समुदाय को 5 हजार पीएम आवास का वितरण किया। इससे पहले राघोगढ़ पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने सिंधिया का शाही अंदाज में फूल माले से स्वागत किया। 

राघोगढ़ पहुंचने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मौका था ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इशारों-इशारों में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। साथ ही राजघराने पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस तो नाम दारो की पार्टी रह गई है और बीजेपी काम दारो की पार्टी है। वहीं मंच पर करीबन 2000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई।

हिरेंद्र सिंह के भाजपा ज्वाइन करने के समझिए राजनीति गणित 

राघोगढ़ दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता रहा है। इसमें पहली बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिराज सिंधिया ने आम सभा को संबोधित किया। वही हिरेंद्र बना के कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस को आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत को कायम रख पाती है या पहली बार शिकस्त खाने को मिलेगी। क्योंकि राघोगढ़ राजघराने के खासम खास लोगों में आज जो बीजेपी में गए हैं उन लोगों की गिनती होती है। और आने वाले भविष्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दिग्विजय सिंह के गढ़ में हुई इस आम सभा ने कई राजनीतिक मायने भी निकाल दिए हैं। दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह राघौगढ़ विधानसभा से वर्तमान में विधायक हैं और पूर्व मंत्री रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया किसान सभा के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है और इतनी बड़ी संख्या में बीजेपी ज्वाइन करने से कहीं ना कहीं राघोगढ़ राजघराने को आने वाले विधानसभा चुनाव में परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन सिंधिया ने एक बार फिर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक बड़ा खेमा दिग्विजय सिंह से छीन लिया है।