मुंबई : महाराष्ट्र में एक बार फिर गठबंधन सरकार को लेकर महाभारत की शुरुआत हो गई है. कोरोना वायरस के बीच सरकार और विपक्ष के बीज जमकर सियासी जंग छिड़ गई है. बीजेपी की ओर से राज्यपाल से यह मांग की गई है महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दी जाए. क्योंकि मौजूदा सरकार कोरोना वायरस की स्थिति से निपट पाने में नाकाम साबित हुई है. सियासी जंग को हवा तब और मिली जब राज्यपाल से बीजेपी और एनसीपी के नेताओं ने मुलाकात की.

इन तमाम सियासी उठा-पठक को लेकर अब शिवसेना ने राज्यपाल पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को आड़े हाथों लिया है. शिवसेना ने सामना में लिखा है- “राज्यपाल जिन नियुक्तियों के अधिकार की बात कर रहे हैं, वो सिर्फ संविधान में संशोधन करके ही मिल सकते हैं. राज्यपाल संघ का झंडा उठाने वाले संत महात्मा हैं. ऐसे महात्मा आग लगाने का काम करेंगे, ये विश्वास नहीं किया जा सकता है.”

सामना में आगे लिखा है, “उम्मीद थी गर्मी होगी तो वायरस मरेगा, लेकिन गर्मी भी है और वायरस भी है. सरकार विरोधियों का कीड़ा भी बिलबिला रहा है. राजभवन की आबोहवा खाना-पीना अच्छा है, इसलिए राज्यपाल से मिलने वालों का सिलसिला लगा रहता है. सरकार बनाने और बिगाड़ने वाले आते रहते हैं.”

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और गठबंंधन वाली सरकार है. पिछले तीन दिनों में शिवसेना, एनसीपी नेताओं की राज्यपाल से हो रही मुलाक़ातें और दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हो रही गुप्त बैठकों ने गठबंधन सरकार की मजबूत स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि शरद पवार ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कह दिया है कि कांग्रेस गठबंधन सरकार के साथ है और सबकुछ ठीक है.