रायपुर। महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले के अनशन पर बैठने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब विभाग ने भ्रष्टाचार केस की जांच के लिए महिला एवं बाल विकास संचालक की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. यह समिति शिकायत बिन्दुओं की जांच कर अपनी रिपोर्ट 5 दिन के अंदर विभाग को सौपेगी. महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने आदेश जारी किया है.

यह जांच कमेटी जिला स्तर के अधिकारी नहीं, बल्कि ब्लॉक स्तर के अधिकारी विजय सरल के खिलाफ गठित की गई है. जबकि महिला एवं बाल विकास अधिकारी अधिकारी सुधाकर बोदले ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, रेडी टू ईट योजना में हुई अनियमितता का आरोप जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिंहा के ऊपर लगाया है.

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ये हैं 4 सदस्यी जांच कमेटी

  • क्रीस्टीना लाल, संयुक्त संचालक – सदस्य
  • भावेश कुमार दुबे, संयुक्त सचालक (वित्त) – सदस्य
  • आर.जे. कुशवाहा, उप संचालक (स्था.) – सदस्य 
  • प्रियंका केश, उप संचालक (पो.आ.) – सदस्य

इन योजनाओं में हुई है अनियमितता

बता दें कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वर्ष 2020-2021 में स्तरहीन और घटिया उपहार सामग्री क्रय में गंभीर वित्तीय अनियमितता और रेडी टू ईट वितरण योजना में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. इसकी जांच कर अधिकारी सुधाकर बोदले ने जांच प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद अधिकारी सुधाकर बोदले भ्रष्टाचार के विरोध में अनशन पर बैठ गए थे.

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रमन सिंह ने की जांच की मांग, सीएम को लिखा पत्र

इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. रमन सिंह ने भ्रष्टाचार के प्रमाणित अनियमितता से संबंधित जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई करने को कहा है. इसके साथ ही इस विभाग की उपरोक्त दोनों और अन्य संचालित जनहितकारी योजनाओं की किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

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