नई द‍िल्‍ली। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर या वर्धमान महावीर की आज जयंती है. जैन धर्मावलंबी इस दिन को पूरे धूमधाम के साथ मना रहे हैं. भगवान महावीर के अहिंसा, त्याग और तपस्या के संदेश को पूरी दुनिया के लोग मानते हैं. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र महीने के 13वें दिन महावीर ने जन्म लिया था. लिहाज़ा इस साल 29 मार्च को महावीर जयंती मनाई जा रही है. हालांकि भगवान महावीर के जन्मदिन को लेकर मतभेद हैं. श्वेतांबर जैनियों का मानना है कि उन्होंने 599 ईसा पूर्व में जन्म लिया था. वहीं दिगंबर जैनियों का मानना है कि महावीर ने 615 ईसा पूर्व में जन्म लिया था.

बिहार के कुंडलपुर के शाही परिवार में महावीर ने जन्म लिया था. उनके पिता का नाम सिद्धार्थ और मां का नाम त्रिशला देवी था. उनकी पत्नी का नाम यशोदा था, जो कलिंग की राजकुमारी थीं. भगवान महावीर को एक बेटी हुई, जिसका नाम प्रियदर्शना था. हालांकि भगवान महावीर ने संन्यास ग्रहण कर लिया और 30 साल की उम्र में घर को त्याग दिया.

भगवान महावीर के 5 सिद्धांत

अहिंसा, सत्य, असत्येय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह. वहीं जैन धर्म की 2 शाखाएं हैं- श्वेतांबर औ दिगंबर. भगवान महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था. लेकिन उनकी विशेषताओं को देखते हुए उन्हें महावीर नाम से पुकारा जाने लगा. सभी इंद्रियों को काबू में कर लेने के कारण उन्हें जीतेन्द्र भी कहा जाता है.

भगवान महावीर ने 12 सालों तक कठोर तपस्या की थी. उन्हें वैशाख शुक्ल की दशमी को ऋजुबालुका नदी के किनारे साल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, जिसे कैवल्य ज्ञान भी कहते हैं. उनके उपदेश चारों ओर फैल गए. राजा बिम्बिसार और चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म को अपना लिया था.

उन्होंने पूरा जीवन जैन धर्म को प्रतिष्ठित करने में लगा दिया. कार्तिम महीने की अमावस्या को दीवाली के दिन पावापुरी में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया. महावीर जयंती के दिन उनकी मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है. रथ यात्रा निकाली जाती है.