अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार। पूर्व विधायक स्व. पंडित बंशराज तिवारी के बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र के विकास में अहम योगदान को जीवंत रखने जिले के मुख्यमार्ग का नाम उनके नाम पर करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही नगर में उनकी मूर्ति भी स्थापित की जा रही है. मूर्ति का अनावरण 21 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह करेंगे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल करेंगे. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप मे छग पाठयपुस्तक निगम के अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा, बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा, जिपं अध्यक्ष राकेश वर्मा, नपा अध्यक्ष चितावर जायसवाल सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेगे. इस अवसर पर एक्सट्रा आर्डनरी क्लास वर्ल्ड स्कूल के नवीन भवन का भी शुभारंभ किया जाएगा.

बता दें कि बलौदाबाजार के तत्कालीन पटेल सेनी टेशन पंचायत के अध्यक्ष एवं मुकादम पंडित महावीर प्रसाद तिवारी के घर पंडित बंशराज तिवारी का जन्म 6 मई 1925 को हुआ था. बाल्यावस्था में ही पिता के निधन के पश्चात बंशराज अल्पायु में ही पटेल के रूप में पदस्थ हो गए. महात्मा गांधी की प्रेरणा से 1940 में पटेल पद से इस्तीफा देकर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई.

सन् 1946 में बंशराज कांग्रेस समाजवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे. विधि स्नातक बंशराज ने बार कौंसिल बलौदाबाजार सचिव रहते हुए उन्होंने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य एवं बलौदाबाजार को जिला बनाने में अपनी आवाज मुखर की. आपातकाल के दौरान बंशराज सरकार के विरूद्ध जुलूस निकाला, जिस पर उन्हें गिरफ्तार करने के साथ उनपर राजद्रोह का मामला लगा दिया. समाजवादी नेता मधु लिमये, जार्ज फर्नांडीज के साथ सेंट्रल जेल, रायपुर में रहे.

सन् 1977 में आपातकाल समाप्त होने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में वे बलौदाबाजार विधानसभा के विधायक निर्वाचित हुए. विधायक रहते हुए उन्होंने बलौदाबाजार नगर को पानी की किल्लत से निजात दिलाने के साथ खोरसीनाला पर बड़े पुल का निर्माण, बलौदाबाजार न्यायालय में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना साथ अनेक कार्य किए.

सन 2001 में पंडित बंशराज तिवारी ने अपनी पत्नी चंदादेवी तिवारी के देहावसान के पश्चात उनकी याद में अस्पताल की स्थापना की. 9 फरवरी 2006 को बंशराज तिवारी के निधन के पश्चात उनकी याद में चंदादेवी हास्पिटल द्वारा प्रत्येक वर्ष नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं ऑपरेशन किया जा रहा है, जिसमें हजारों लोग लाभान्वित हो चुके हैं.