कुमार इंदर, जबलपुर/ सतना। LokSabha Election 2024 Phase 2: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश की 6 सीटों पर आज दिग्गजों के बीच मुकाबला है। आज सुबह से ही लोगों के बीच सभी सीटों पर मतदान के लिए जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। आज शुक्रवार को सतना, रीवा, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो और होशंगाबाद लोकसभा सीटों पर वोटिंग जारी है। दूसरे चरण में एमपी की 6 सीट पर, 80 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

आज सतना लोकसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला है। यहां बीजेपी से जहां चार बार के सांसद गणेश सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए बसपा ने नारायण त्रिपाठी को टिकट दिया है। इस चुनाव में चार बार से सतना लोकसभा सीट जीतने वाले गणेश सिंह की सियासी साख दांव पर है। नौ निर्दलीय समेत कुल 14 प्रत्याशी इस सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

2019 में सभी सीटों पर हुई थी BJP की जीत 

2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने इन सभी 6 सीटों सतना, रीवा, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो और होशंगाबाद पर जीत दर्ज की थी। 

विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को सिद्धार्थ कुशवाहा ने दी थी मात 

सतना लोकसभा सीट में सतना, रामपुर बघेलान, नागौद, रैगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन विधानसभा सीट आती हैं। इन 7 सीटों में से 2 पर कांग्रेस का कब्जा है और यह दो सीटें सतना एवं अमरपाटन हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को सिद्धार्थ कुशवाहा ने 4041 मतों से हराया था। 

सतना में इन दिग्गजों ने चुनाव के लिए झोंकी थी ताकत 

सतना में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में दोनों दलों के बड़े दिग्गजों ने चुनावी प्रचार किया था। सिद्धार्थ सिंह कुशवाहा के समर्थन में जहां कांग्रेस के बड़े लीडर, मल्लिकार्जुन खड़गे, जीतू पटवारी ने ताबड़तोड़ प्रचार किया था। वहीं गणेश सिंह के लिए जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह और सीएम डॉ मोहन यादव जैसे लीडर्स ने धुआंधार रोड शो कर जनता के बीच पहुंची थी। सतना सीट पर लगातार जीत का छक्का लगा चुकी भाजपा ने इसे अपना गढ़ बना लिया है।

सीमेंट का शहर सतना में कौन सा प्रत्याशी है कितना मजबूत

सतना संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी पहचान यहां स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल मैहर और चित्रकूट हैं। ब्राह्मण और पटेल मतदाता राजनीतिक रूप से प्रभावशाली तो हैं ही, साथ ही यहीं पर वोटर डिसाइडिंग फैक्टर भी है जहां  कुशवाहा वोटर भी यहां राजनीतिक दखल रखता है।

सतना सीट पर कभी बीएसपी के सुखलाल कुशवाहा ने दो सीएम अर्जुन सिंह और वीरेंद्र कुमार सखलेचा को एक साथ हराया था। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह विंध्य के ऐसे नेता हैं जो सतना से चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री भी रहे और राज्यपाल भी।

क्या है इस बार के मुद्दे ?

बरगी का पानी सतना लाने की बात हो रही थी लेकिन अब तक नहीं आया, साल  2008 में आना था पानी

रामनगर इलाके में नल जल योजना का पानी सिर्फ उद्घाटन वाले दिन आया, सांसद  गणेश सिंह ने गलती स्वीकार की

स्मार्ट सिटी का दर्जा है लेकीन काम नहीं हुआ

शहरों में जगह-जगह खुदाई कर काम अधूरा छोड़ दिया गया है 

मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को टाइम पर सैलरी नहीं हो पा रही है

विकास में सतना को रीवा से 20 साल पीछे माना जाता है

घुनवारा को तहसील बनाने की घोषणा हुई नहीं बनी, सीएम का काफिला रोका गया था

सांसद के खाते में काम रिंग रोड, मेडिकल कॉलेज, स्मार्ट सिटी, भारत माला परियोजना

जब बेटे ने लिया पिता की हार का बदला 

बसपा से सांसद रहे सुखलाल कुशवाहा को वर्ष 2004 में गणेश सिंह ने चुनाव हराया था। सुखलाल के बेटे सिद्धार्थ ने गणेश सिंह को 2023 के विधानसभा चुनाव में हराकर अपने पिता की हार का बदला ले लिया।

सतना संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा क्षेत्र शामिल –  सतना, रामपुर बघेलान, नागौद, रैगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन

सतना में कुल मतदाता– 16,85,050

पुरुष मतदाता -8,81,863 महिला -8,03,180 थर्ड जेंडर -07

सतना में वायर बनाने की कम्पनी है, एशिया की सबसे बड़ी सीमेंट फैक्ट्री है लेकिन फिर भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। यह भी एक बड़ा मुद्दा है। ईलाज के लिए लोगों को जबलपुर और दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। डॉक्टरों और सरकारी कर्मचारी को सैलरी नहीं मिल पाती है। राजनीति की बात करें तो 20 साल से एक ही आदमी को टिकट मिलने से भाजपा में अंदरूनी कलह है। यहीं हाल कांग्रेस में है। सिद्धार्थ को मेयर, एमएलए और सांसद की टिकट मिलती है। 

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