रोहित कश्यप, मुंगेली। पुराने जनरेशन से लेकर वर्तमान जनरेशन के लोगों की जहन में आज भी शोले फिल्म का डायलॉग, ‘कितने आदमी थे रे कालिया….दो सरदार, ये हाथ मुझे देदे ठाकुर….वगैरह- वगैरह जिंदा है. मुंगेली जिले में जिला प्रशासन की ओर से मतदाता जागरूकता अभियान किस कदर चल रहा है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मतादाता जागरूकता के एक नाट्य रूपांतरण में कलेक्टर ने खुद ही शोले का डाकू गब्बर सिंह बने कलाकार के लिए आवाज दी. उनके साथ मे स्वीप के जिला नोडल अधिकारी जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडेय ने नेता जी के लिए संवाद कर कदम से कदम मिलाकर कार्यक्रम में रंग जमाया.

दरअसल, मुंगेली के बीआर साव मैदान में स्वीप कार्निवल कार्य्रकम का आयोजन किया गया. जिसमें मतदाता जागरूकता से जुड़े कई पारंपरिक गीत संगीत का कार्यक्रम हुआ. लेकिन लोगों के लिए सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला प्रोग्राम शोले मूवी के फेमस डायलॉग पर आधारित मतदाता जागरूकता का संदेश देते वो शोले का नाट्य रूपांतरण रहा, जिसे स्वीप शोले नाम दिया गया था. स्वीप शोले के संवाद में खुद ही जिले के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी राहुल देव ने गब्बर सिंह बने कलाकर के लिए आवाज दी थी.इसमें भूमिका निभाने वाले किरदारों में टीम का हौसला बढ़ाते हुए गब्बर सिंह का आवाज (संवाद)खुद कलेक्टर राहुल देव, नेता जी का संवाद जिला सीईओ प्रभाकर पांडेय और बाकी अन्य किरदारों के भी संवाद प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों का ही था. हालांकि नाट्य रूपांतरण करने वाले लोगों ने भी संवाद के अनुरूप ही नाटक किया. शोले के दृश्य और संवाद को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने काफी मेहनत किया गया था. फिल्मी डायलॉग पर आधारित प्रशासनिक अधिकारियों के रिकॉर्डेड आवाज के साथ मंच पर नाट्य के रूप में जब कलाकारों ने विभिन्न दृश्य पेश किया तब लोगों ने खूब एन्जॉय किया और एक-एक कलाकार ने इस पर जान डालने में कम समय की तैयारी भी कोई कमी नहीं की. यही वजह है कि लोगों को यह खूब पसंद आया.

आवव संगी आवव – कलेक्टर ने गाया गीत

मतदाता जागरूकता के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित आम जनता के अलावा प्रशासनिक अधिकारी और सामान्य प्रेक्षक अभय ए महाजन भी मौजूद रहे. इस दौरान लोक गायिका आरु साहू ने भी मतदाता जागरूकता का संदेश देते विभिन्न गीत संगीत की प्रस्तुति दी. इस बीच कलेक्टर राहुल देव ने एक बार फिर लोगों का ध्यान खींचते हुए एक शानदार गीत संगीत के साथ गाकर समां बांधा. जिसके बोल है,”

“आवव संगी आवव
हमर छत्तीसगढ़ म आवव,
हरियर हे धान कटोरा
सब कोती हे राम के डेरा,
मीठ बोली ले मैना के संगी रे ऐ गढ़ म होथे सवेरा”.