भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों का प्रजेंटेशन दिया। अवैध रेत परिवहन के प्रकरणों में निराकरण करने वाले प्रथम 3 जिलों में इंदौर, शहडोल एवं देवास हैं। रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में फरवरी माह में 199 वाहन और मशीनें जब्त कर राजसात करने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई।

वीडियो कान्फ्रेंस में कलेक्टरों ने मुख्यमंत्री को कार्रवाई की जानकारी दी गई। इंदौर में 40 प्रकरण दर्ज हुए और सभी का निराकरण हुआ और अर्थदंड के रूप में 23 लाख रुपये की राशि जमा हुई। शहडोल जिले में कुल दर्ज प्रकरण 27 हुये जिनमें सभी का निराकरण हुआ तो वहीं 1.25 लाख रुपये की राशि अर्थदण्ड के रूप में जमा हुई। वहीं देवास में 20 प्रकरण दर्ज हुए और 19 का निराकरण हुआ तो वहीं 3.90 लाख रुपये की राशि अर्थदण्ड के रूप में जमा हुई। फरवरी माह में अवैध रेत परिवहन में कुल 546 मामले में 1 करोड़ की कुल वसूली की गई। वहीं फरवरी 2021 तक प्रदेश में अवैध रेत परिवहन के 6088 मामलो में 20 करोड़ की वसूली की गई ।

शराब कोचियों पर एनएसए और जिला बदर

आबकारी और पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए 14794 प्रकरण दर्ज किये गए। जिसमें 12 लाख 82 हजार 920 लीटर मदिरा(शराब) जब्त की गई। जिसकाअनुमानित मूल्य 9 करोड़ 28 लाख 29 हजार 313 रुपये हैं। वहीं 11,845 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जिसमें 14 आरोपियों पर एन.एस.ए. के तहत और 79 पर जिला बदर की कार्रवाई की गई। इसके साथ ही शराब परिवहन करते हुए 197 वाहन जब्त किये गए, जिनमें 141 को राजसात किया गया।

चिटफंड कंपनी के निवेशकों को दिलाए पैसे

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रदेश में कुल 31 अपराध पंजीबद्ध कर कुल 4327 निवेशकों को 16.41 करोड़ वापस कराया गया। माह फरवरी में 2480 एकड़ जमीन कीमती 563 करोड़ की मुक्त् कराई गई।

मिलावटखोरों के खिलाए एनएसए

प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई।  बडे मिलावटखोरों के विरूद्ध चलाए गए अभियान में अब तक 10,176 रेग्‍यूलेटरी नमूनें, 92,098 सर्विलेंस नमूनें, 9.25 करोड के अमानक खाद्य पदार्थ जप्‍त किये गए। 965 प्रकरण न्‍यायालय में दर्ज किए गए , 1.83 करोड रू. से अधिक अर्थदण्‍ड की वसूली की गई। अभी तक प्रभावी कार्यवाही करते हुए 255 एफ.आई.आर., 32 एन.एस.ए., 128 खाद्य प्रतिष्‍ठान सील, 07 अवैध फेक्ट्रियों को तोड़ा गया एवं 86 खाद्य प्रतिष्‍ठानों के खाद्य लायसेंस व पंजीयन निलंबित किये गये हैं।