रायपुर. आज बड़े संस्थानों में आरएसएस के लोग घुस गए हैं. ये आरएसएस की सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. यह बात कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने प्रदेश में शिक्षा के स्तर पर चर्चा करते हुए कही. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर क्या सिलेबस होना चाहिए, यह तय नहीं होगा. केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार ने शिक्षा को तवज्जों नहीं दी. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा की रैंकिंग में काफी नीचे है. ये सब आकड़ों को देखते हुए दुख होता है. छत्तीसगढ़ के युवाओं को ऑपर्चुनिटी मिलना था वो नहीं मिल पाया.
54 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं छत्तीसगढ़ में
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदेश की भाजपा सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि आज 54 हज़ार शिक्षकों के पद रिक्त हैं, मुख्यमंत्री के गृह जिले कवर्धा में 11 हज़ार बच्चियां स्कूल छोड़ कर चली गई. 2017 मार्च में सरकार ने बताया कि 2300 प्रधानाचार्य पद रिक्त है. 22000 हेडमास्टर के पद रिक्त है. वहीं प्रदेश में सरकारी स्कूल 45578 से घटकर 44387 बचे हैं, जबकि प्राइवेट स्कूल 3954 से बढ़कर 6100 हो गए. और कही भी सरकारी स्कूल इतनी तेजी से बंद नही हुई है. यहीं नहीं सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या भी घटी. इसके अलावा 3000 स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि प्रदेश की सरकार ने प्राइवेट संस्थानों को ही बढ़ाने का काम सरकार ने किया है. सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत राज्य के आबंटन में निरंतर कमी आई है.
शासकीय कॉलेजों में शिक्षक नहीं और हो रही फीस बढ़ोतरी
अजय माकन ने कहा कि शासकीय कॉलेजों में स्वीकृत पदों में 525 खाली हैं. सहायक प्राध्यापको के 1400 से ज्यादा पद रिक्त हैं. उच्च शिक्षा संस्थानों में 45 प्रतिशत फीस में बढ़ोतरी हुई. यह दर्शाता है कि शिक्षा में सरकार का ध्यान नहीं गया. छत्तीसगढ़ में शिक्षा की काफी दयनीय स्थिति है. माकन ने कहा कि आईटीआई में 1582 पद तो ट्रिपल आईटी में 111 पद रिक्त हैं. वहीं केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में जीडीपी के अनुपात में खर्च घटा. एससी-एसटी, ओबीसी छात्रों को दी जाने वाली आर्थिक बजट में भी भारी गिरावट आई है. 2018- 19 के नेशनल बजट 8 वर्षों के सबसे कम शिक्षा पर खर्च हुआ. शिक्षा के बजट में केंद्र सरकार जे उदासीनता दिखाई.