रायपुर। हिन्दू धर्म में वृक्षों की पूजा का विशेष महत्व है. पीपल, बरगद, तुलसी, बेल, केले का वृक्ष, अशोक, शमी आदि कुछ ऐसे वृक्ष हैं, जिन पर देवताओं का वास होता है. इसी तरह एक गूलर का वृक्ष भी हिंदू धर्म में काफी पूजनीय है. गूलकर के पेड़ का संबंध शुक्र ग्रह और धन के देवता कुबेर से होता है.

वृषभ व तुला राशि का यह प्रतिनिधि पेड़

यह नवग्रहों के वृक्षों में एक प्रमुख वृक्ष है. इस वृक्ष पर शुक्र का आधिपत्य माना गया है, और वृषभ व तुला राशि का यह प्रतिनिधि पेड़ है. इस वृक्ष के अनेक लाभ हैं, जिनके बारे में जनसामान्य को जानकारी नहीं है. इस वृक्ष के फल, पत्ते, जड़ आदि से अनेक रोगों का इलाज तो होता ही है, इनसे ग्रह जनित अनेक दोषों को शांत किया जा सकता है.

प्रतिदिन अर्पित करें जल

ज्योतिष शास्त्र में बताया गयाहै कि सुख और ऐश्वर्य की चाह रखने वालों को गूलर के वृक्ष पर प्रतिदिनि जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से शुक्र देव की कृपा प्राप्त होती है. ऐश्वर्य के स्वामी शुक्र देव प्रसन्न हो कर जातक को वरदान देते हैं. गूलर के पेड़ को धन कुबेर की कहा जाता है.

वृक्ष के जड़ में रखें खीर

इसी तरह शुक्रवार को पडऩे वाली अमावस्या को गूलर के वृक्ष के जड़ में चावल की खीर बनाकर रखें, और वृक्ष की पूजा कर भोग लगाएं. इसके बाद इस खीर को खुद खाए और दूसरों को भी खिलाए. ऐसा करने से भौतिक सुख की प्राप्ति होती है.