मंडला।  मध्य प्रदेश के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान कान्हा टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ को सतना स्थानांतरित किया गया है। कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा आज सुबह घोरेला बाघ बाडे में पल रहे बाघ को कान्हा टायगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक एवं अधिकारियों द्वारा निश्चेत कर उसके शरीर के आवश्यक माप रिकार्ड कर स्वास्थ्य परिक्षण किया गया। उसके बाद महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव वाईट टाइगर सफारी एंव जू. मुकुन्दपुर सतना के लिए रवाना किया गया।

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उद्यान प्रबंधन ने जानकारी के अनुसार
इस नर बाघ को जनवरी 2023 में प्रदेश के संजय टाइगर दुबरी से कान्हा लाया गया था। जो अनाथ हो गया था, ये टाइगर उस समय शावक था। बाघ को कान्हा के एक बाड़े में रख कर उसका लालन-पालन किया गया। जो अब शिकार करने में माहिर हो गया है। बाघ के द्वारा शिकार करने की प्रवृत्ति प्राकृतिक थी, लेकिन उसका मनुष्यों के समीप जाने एवं आहट मिलने पर तुरंत समीप आकर मनुष्य के निकट रहने का प्रयास करने जैसा व्यवहार करने के कारण मुक्त वन क्षेत्र में छोड़ा जाना सुरक्षित नहीं था।

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मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक म.प्र. के द्वारा इसे महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव वाईट टाइगर सफारी एवं जू. मुकुन्दपुर सतना म.प्र. स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए। यही कारण था कि आज यह बाघ को सतना के महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव वाईट टाइगर सफारी एवं जू. मुकुन्दपुर सतना म.प्र. को पहुंचाया गया।

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