दुर्ग। पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी कर पहली पत्नी को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने को राज्य महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पति को महिला थाने के सुपुर्द कर एक माह के भीतर जांच कर आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा.

राज्य महिला आयोग ने शुक्रवार को दुर्ग में प्रकरणों की सुनवाई की. जिला पंचायत के सभा कक्ष में अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने पक्षकारों की उपस्थिति में कथनों को सुनकर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की. सुनवाई में कुल 27 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें 16 प्रकरणों पर सुनवाई कर नस्तीबध्द किया गया.

भिलाई स्थित एक महिला महाविद्यालय की 11 सहायक प्राध्यापकों ने आयोग को पत्र लिखकर समय पूर्व सेवानिवृत्त किये जाने का प्रकरण दर्ज करया था. सहायक प्राध्यापकों ने शिकायत की थी कि राज्य शासन के सर्कुलर के अनुसार सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष की गई है, लेकिन उन्हें 60 वर्ष में ही सेवानिवृत्ति कर दिया गया. इससे उन्हें अनावश्यक मानसिक प्रताड़ना हो रही है.

इस पर आयोग ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य शासन के आदेश के विरूद्ध 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है. इसके लिए अगली सुनवाई तिथि निर्धारित की, जिसमें महाविद्यालय को प्रबंधन सासी आवेदिकाओं के पक्षों को सुना जाएगा.

आयोग की सुनवाई के दौारन तुलसी साहू, नीलू ठाकुर, शासकीय अधिवक्ता शमीम रहमान सहित महिला एवं बाल विकास के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा पुलिस प्रशासन उपस्थित रहे. प्रस्तुत प्रकरणों में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे.